'जापानी बुखार से 598 से ज्यादा मौतें हुई' - Zee News हिंदी

'जापानी बुखार से 598 से ज्यादा मौतें हुई'

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) का कहना है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में जापानी इन्सैफेलाइटिस (जापानी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही हैं, लेकिन इसे रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं।

 

आयोग की मानें तो राज्य सरकार इस बीमारी से इस साल 598 बच्चों की मौत की बात कह रही है, जबकि तादाद इससे कहीं अधिक है।

 

इसी सप्ताह एनसीपीसीआर के तीन सदस्यीय दल ने पूर्वांचल के कुछ जिलों का दौरा किया था और वहां जमीनी स्थिति का जायजा लिया था। इस दल का नेतृत्व एनसीपीसीआर के सदस्य डॉक्टर योगेश दुबे ने किया।

 

दुबे ने बताया कि हमने गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया के उन गांवों का दौरा किया, जहां जापानी इन्सैफेलाइटिस से सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। राज्य सरकार अथवा प्रशासन जो भी दावा करे, लेकिन वहां अब भी स्थिति गंभीर बनी हुई। जापानी इन्सैफेलाइटिस से बच्चों की मौतें लगातार हो रही हैं।
एनसीपीसीआर जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौंपने वाला है। दुबे के मुताबिक, इसमें मुख्य रूप से केंद्र और राज्य से जापानी इन्सैफेलाइटिस से लड़ने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना बनाने की सिफारिश की जाएगी।

 

दुबे ने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन के जरिए हमें बताया गया है कि पूर्वांचल में जापानी इन्सैफेलाइटिस से 598 मौतें इस साल हुई हैं, हालांकि हम इससे सहमत नहीं है। ये आंकड़े प्रमुख अस्पतालों में होने वाली मौतों के हैं, लेकिन बहुत सारे बच्चों की मौत घर पर इलाज के दौरान और छोटे स्वास्थ्य केंद्रों पर हुई है जिसका आंकड़ा किसी के पास नहीं है।’

 

पिछले महीने एनसीपीसीआर के एक दल ने जापानी इन्सैफेलाइटिस के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक से मुलाकात की थी और उनसे कुछ जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था। दुबे ने कहा, ‘राज्य सरकार ने हाल के दिनों में कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन इससे पहले प्रांत में जापानी इन्सैफेलाइटिस जैसे गंभीर मुद्दे की पूरी उपेक्षा की गई। इसी का नतीजा है कि पूर्वांचल के गांवों में स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है।’

 

उन्होंने कहा, ‘जमीनी स्तर पर जायज़ा लेने के बाद हमें पता चला कि पूर्वांचल में चिकित्सा व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से चरमराई हुई है। उपयुक्त चिकित्सा व्यवस्था की कमी के कारण जापानी इन्सैफेलाइटिस की चपेट में आने वाले ज्यादातर बच्चों की मौत हो जाती है।’

 

दुबे ने कहा, ‘हम अगले कुछ दिनों में एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौंपने वाले हैं। इसमें संयुक्त कार्य योजना बनाने सहित कई सिफारिशें की जाएंगी। उम्मीद करते हैं कि हमारी सिफारिशों पर अमल किया जाएगा।’
पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने जापानी बुखार से लड़ने के लिए एक केंद्रीय समन्वय एजेंसी गठित करने की बात कही थी।  (एजेंसी )

First Published: Sunday, December 11, 2011, 11:10

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