Last Updated: Saturday, August 20, 2011, 12:53

पटना। राज्य सरकार भले ही सुशासन का डंका पीट रही हो लेकिन राज्य में पिछले कई सालों से नकली नोट का कारोबार फल- फूल रहा है. इस वर्ष अब तक जाली नोटों से सम्बंधित 23 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि करीब तीन लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं. जाली नोटों का कारोबार करने वालों की पहली पसंद 500 और 1000 रुपये के बड़े नोट हैं.
माना जाता है कि भारत-नेपाल सीमा जाली नोटों के धंधे का मुख्य क्षेत्र है. मुख्य रूप से नेपाल के रास्ते ही जाली नोट बिहार पहुंचते हैं. आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जून तक राज्य के विभिन्न थानों में जाली नोटों से संबंधित 23 मामले दर्ज किए गए जबकि 2.73 लाख रुपये से ज्यादा के जाली नोट बरामद किए गए.
इसी तरह इसके पूर्व के वर्षो में लगभग 160 से भी जाली नोटों मामले पुलिस के सामने आए थे. अपर पुलिस महानिदेशक राज्यवर्धन शर्मा कहते हैं कि जाली नोटों से बचने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस मामले का वृत्तचित्र बनाकर सीडी भेजी गई है जिसका प्रदर्शन हाट-बाजारों में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस वृत्तचित्र में जाली नोटों को पहचानने के तरीके और उनसे बचने के तरीके बताए गए हैं.
बड़े नोटों में नकली होने की ज्यादा संभावना रहती है. जाली नोट के धंधे में लगे लोग बड़े नोट का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि ये आसानी से ले जाए जा सकते हैं.
First Published: Saturday, August 20, 2011, 18:23