Last Updated: Wednesday, May 8, 2013, 21:49
मुंबई : महाराष्ट्र ने सुरक्षा कारणों को इंगित कर कथित लश्कर-ए-तैयबा सरगना जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल की उस याचिका का विरोध किया जिसमें जुंदाल ने आर्थर रोड केन्द्रीय कारागार में एक सेल के एकांतवास से निकालने का आग्रह किया था।
मुंबई हमलों के आरोपों का सामना कर रहे जंदल को अभी उस विशेष सेल में रखा गया है जहां पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को रखा गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार जंदल ने कसाब और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों को हिंदी सिखाई थी और जब 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी हमला चल रहा था, तो वह पाकिस्तान में कंट्रोल रूम से उन्हें निर्देश दे रहा था। राज्य सरकार ने आज बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि जंदल को सुरक्षा कारणों से सेल में एकांत वास में रखा गया है। उसने एक गोपनीय रिपोर्ट का जिक्र किया जिसके आधार पर इस तरह का कदम उठाया गया।
बहरहाल, न्यायमूर्ति पी.वी. हरदास और न्यायमूर्ति मृदुला भटकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद 10 जून को मुकर्रर की। वकील एजाज नकवी के माध्यम से दायर एक आवेदन में आवेदनकर्ता जुंदाल ने दावा किया कि वह मानसिक रूप से फिट नहीं है और जब वह तिहाड़ जेल में था, उसका इलाज चल रहा था। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह सूचित करे कि क्या जुंदाल सजा-ए-मौत का इंतजार कर रहा है और किस तरह के बंदी सेल में एकांतवास में रखे जाते हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि उसने यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया है और इस संबंध में एक गोपनीय रिपोर्ट की चर्चा की। अदालत ने राज्य प्रशासन से कहा कि वह इस बाबत एक हलफनमा दाखिल करे। मुंबई हमलों के संबंध में जुंदाल की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 8, 2013, 21:49