`जोशी के भाजपा छोड़ने से विस चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर`

`जोशी के भाजपा छोड़ने से विस चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर`

राजकोट/कोलकाता : भाजपा की गुजरात इकाई ने संजय जोशी के पार्टी छोड़ने के निर्णय को ‘निजी’ बताते हुए आज कहा कि उनके पार्टी छोड़ने का इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की संभावना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जबकि विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि जोशी का जाना ‘पार्टी के लिए नुकसान’ है।

गुजरात भाजपा प्रवक्ता विजय रूपानी ने राजकोट में कहा, जोशी का कार्यस्थल दिल्ली रहा है और पिछले विधानसभा चुनाव (वर्ष 2007) में वह गुजरात में नहीं थे लेकिन पार्टी ने इसके बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल किया। उनके त्यागपत्र का विधानसभा चुनाव (भाजपा की संभावना) पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूर्व संघ प्रचारक एवं भाजपा के महासचिव रहे जोशी ने कल पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। ऐसा माना जाता है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेतृत्व को अपने प्रबल विरोधी का त्यागपत्र सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया।

यह पूछे जाने पर क्या जोशी को मोदी के पार्टी नेतृत्व पर दबाव के कारण त्यागपत्र देना पड़ा, रूपानी ने नकारात्मक में जवाब देते हुए कहा, पार्टी किसी के भी दबाव में नहीं है। उनका त्यागपत्र निजी निर्णय था। इस बीच भाजपा की दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश भाजपा में असंतोष और आंतरिक कलह के बीच शुरू हो गई।
प्रदेश इकाई पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल और उनके समर्थकों की ओर से विरोध का सामना कर रही है। केशुभाई ने चुनाव से पहले की तैयारियों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना खुले तौर पर आलोचना की है। यह पूछे जाने पर क्या मोदी के पूर्ववर्ती केशुभाई इस बैठक में हिस्सा लेंगे, रूपानी ने कहा, केशुभाई को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है अब यह उन पर है कि वे इसमें हिस्सा लेते हैं या नहीं।

वहीं तोगड़िया ने जोशी को सबसे समर्पित एवं अनुशासित नेता बताते हुए कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, प्रत्येक राजनीतिक पार्टी, विशेष रूप से भाजपा को वर्तमान समय में उनके (जोशी) जैसे समर्पित एवं अनुशासित नेता की जरुरत है। मैं उन्हें गत 30 वर्षों से जानता हूं और उन्होंने गुजरात के लिए काफी कुछ किया है।

उन्होंने कहा, एक सीडी विवाद को लेकर उन्हें बदनाम करने के प्रयास पहले भी हुए हैं। वह नकली सीडी थी। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की ओर से इमामों को आर्थिक सहायता दिये जाने पर तोगड़िया ने आरोप लगाया कि यह जनता के पैसे की फिजूलखर्ची है। उन्होंने संस्कृत के पंडितों को भी ऐसे ही सहायता दिये जाने की मांग की। (एजेंसी)

First Published: Saturday, June 9, 2012, 21:27

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