Last Updated: Wednesday, August 1, 2012, 17:04
हैदराबाद: नई दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगने के दो दिन बाद बुधवार तक इस हादसे में मारे गए 32 लोगों में से 19 के शवों की पहचान हो गई है। फोरेंसिक विशेषज्ञ हादसे के सुराग ढूंढने के लिए जली हुई बोगी की जांच कर रहे हैं।
नेल्लोर शासकीय अस्पताल में रखे 13 शवों की अब भी पहचान नहीं हो सकी है। अधिकारियों ने बताया कि अग्निकांड का शिकार बने जिन यात्रियों के शवों की पहचान हो गई है, उनमें आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु के आठ-आठ, उत्तर प्रदेश के दो व जम्मू एवं कश्मीर का एक यात्री शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कम से कम नौ शव बुरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान मुश्किल है। उन्होंने बताया कि इन शवों को अपने प्रियजनों के शव बताने वाले लोगों के खून के नमूने लेकर उनका डीएनए परीक्षण किए जाने की योजना है। इससे उनकी पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी।
परिजनों द्वारा शवों को अपने प्रियजनों का बताए जाने के दावे के बीच फोरेंसिक जांच को टालना बहुत मुश्किल है। एक मामले में एक ही शव के लिए दो परिवारों ने दावे किए थे।
आंध्र प्रदेश फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के विशेषज्ञों ने लगातार दूसरे दिन बुधवार को जली हुए एस-11 बोगी की जांच जारी रखी। उन्हें अब तक कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे हादसे के पीछे तोड़-फोड़ की आशंका जतायी जा रही है।
कुछ जीवित बचे यात्रियों व प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने आग की लपटें उठने से पहले विस्फोट की आवाज सुनी थी। अधिकारियों का मानना है कि विद्युत शॉर्टसर्किट की वजह से आग लगी।
रेलवे गुरुवार को इस मामले में जांच शुरू करेगा। रेल सुरक्षा आयुक्त दिनेश कुमार मामले में लोगों से दो दिन तक पूछताछ करेंगे। प्रत्यक्षदर्शी व अन्य लोग इस सम्बंध में नेल्लोर स्थित रेलवे ऑफिसर्स रेस्ट हाउस में अपने बयान दर्ज करा सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 1, 2012, 17:04