Last Updated: Monday, October 29, 2012, 17:54
जालंधर : देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले गदर पार्टी के शहीदों की याद में आज यहां शुरू हुए मेले में देश भगत यादगार कमेटी ने अमृतसर स्थित शहीद मदन लाल ढींगरा के अवास को स्मारक के रूप में विकसित करने तथा हिमाचल प्रदेश के डलहौजी का नाम बदल कर चाचा अजीत सिंह नगर रखने की मांग की है।
गदर पार्टी के शहीदों की याद में आज 21 वें मेले का उद्घाटन करते हुए ‘देश भगत यादगार’ कमेटी की महासचिव रघवीर कौर ने आज यहां कहा, अमृतसर स्थित शहीद मदन लाल ढींगरा के मकान को एक स्मारक के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। हमारी यह पुरानी मांग है पर अबतक इस पर अमल नहीं हो सका है। कौर ने कहा, उस मकान को स्मारक के रूप में विकसित कर उसमें उनसे जुडी तस्वीरों, सामान और उनके देश की आजादी में उनके योगदान को रख कर एक संग्रहालय का रूप दिया जाना चाहिए ताकि आज की युवा पीढी महान क्रांतिकारियों के बारे में जान सके।
उन्होंने यह भी कहा, डलहौजी से शहीद ए आजम भगत सिंह के चाचा, चाचा अजीत सिंह ने 1907 में ‘पगडी संभाल जट्टा’ आंदोलन चलाया था। इसलिए उस स्थान का नाम बदल कर चाचा अजीत सिंह नगर रखा जाना चाहिए। रघवीर ने कहा, डलहौजी के नाम पर शहर का नाम गुलामी के दिनों की याद दिलाता है। इसलिए युवा पीढी को जागरूक करने के लिए जरूरी है कि फिरंगियों के नाम पर रखे गए शहरों के नाम बदल कर शहीदों के नाम पर रखा जाना चाहिए।
रघवीर कौर ने कहा, सूबे में राजनेताओं, पुलिस और अपराधियों की आपसी गठजोड का नतीजा श्रुति का बहुचर्चित अपहरण कांड है। श्रुति की समस्या एक बेटी की नहीं है। यह समस्या किसी के साथ भी हो सकती है। चीजें गलत तरीके से पेश की जा रही है और राजनेताओं और अपराधियों के दबाब में श्रुति मामले की सचाई को छिपा कर गलत चीजों को पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए युवाओं को खास तौर से आगे आना होगा । तभी यह समाज और सूबा बचेगा। हमें नशे से भी दूर रहने की जरूरत है।
इससे पहले देश भगत यादगार कमेटी की सांस्कृतिक शाखा के समन्वयक अमोलक सिंह ने बताया कि आज से चार दिन तक चलने वाले 21 वें मेले का आज शुभारंभ हुआ। इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जायेंगे। इन सबकी थीम आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ चला इंकलाब है।
सिंह ने कहा, इस बार मेले को हमने आजाद हिंद फौज एवं रानी लक्ष्मी बाई को समर्पित किया है। इसलिए अगले कुछ दिनों में आजाद हिंद फौज और रानी लक्ष्मी बाई से जुडे नाटकों का भी मंचन किया जाएगा। इसके लिए देश के अलग अलग हिस्सों से कलाकार आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक नवंबर को झंडा गीत के साथ इस मेले का समापन समारोह शुरू हो जाएगा और दो नवंबर को सुबह पांच इसका समापन होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 29, 2012, 17:54