तमिलनाडु: पटाखा फैक्टरी मालिक समेत 6 गिरफ्तार, 39 मरे

तमिलनाडु: पटाखा फैक्टरी मालिक समेत 6 गिरफ्तार, 39 मरे

तमिलनाडु: पटाखा फैक्टरी मालिक समेत 6 गिरफ्तार, 39 मरेशिवकाशी (तमिलनाडु) : शिवकाशी के पास मुधालीपट्टी में एक पटाखा फैक्टरी में भीषण आग लगने से कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई और 73 अन्य घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 45 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
उधर, पटाखा फैक्टरी के मालिक समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग उस वक्त लगी जब मजदूर पटाखे बनाने के लिए रसायन का मिश्रण तैयार कर रहे थे। यह रसायन इतना विस्फोटक था कि फैक्टरी का बड़ा हिस्सा आग की लपटों की चपेट में आ गया। विरूद्धनगर जिला राजस्व अधिकारी आर राजू ने संवाददाताओं को आज देर रात बताया कि 39 लोगों की मौत हो चुकी है और 73 अन्य घायल हुए हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिवकाशी, विरूद्धनगर, सत्तूर और मदुरै के विभिन्न अस्पतालों ने मृतकों की संख्या 50 से अधिक बताई है। इन अस्पतालों में पीड़ितों को ले जाया गया था।

सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले ही फैक्टरी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। नियमों के खिलाफ समूचा उत्पादित माल एक गोदाम में रखा हुआ था। यूनिट के फोरमैन को इस हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है। जारी पुलिस और दमकल सूत्रों ने बताया कि हादसा उस वक्त हुआ जब रंगबिरंगी रौशनी निकालने वाले पटाखे बनाने के लिए रसायनों का मिश्रण तैयार किया जा रहा था।

आग ने फैक्टरी और परिसर के 48 शेडों को तबाह कर दिया। हादसे में हताहत हुए लोगों में ज्यादातर फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर हैं। फैक्टरी के एक अधिकारी ने बताया कि हादसे के वक्त 300 लोग यूनिट में मौजूद थे।

आम तौर पर शांत रहने वाले इस गांव में पटाखा फैक्टरी में लगी आग से हर ओर अफरा तफरी मच गई। रह रहकर उठती धमाकों की आवाज करीब दो किलोमीटर के दायरे में सुनाई देती रही। धुएं का गुबार पूरे इलाके में छा गया और आग में फंसे लोग इतनी बुरी तरह जल गए कि उनकी पहचान तक होना मुश्किल है। पुलिस ने बताया कि एक दुखद बात यह हुई कि आग में घिरे लोगों को बचाने के लिए ओमशक्ति फैक्टरी परिसर के भीतर घुसे कुछ लोग भी आग के शिकार हो गए।

दमकल कर्मचारियों के पास राहत कार्य के लिए जरूरी सामान न होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

उनके पास इस तरह की भीषण आग के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मास्क जैसी जरूरी चीजों का अभाव था। उन्होंने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। परिसर के घने धुएं में न घुस पाने के कारण राहत और बचाव कार्य प्रभावित हुआ। (एजेंसी)

First Published: Thursday, September 6, 2012, 09:26

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