`तरुण विजय और ध्रुव से थे शहला के गहरे रिश्ते`

`तरुण विजय और ध्रुव से थे शहला के गहरे रिश्ते`

`तरुण विजय और ध्रुव से थे शहला के गहरे रिश्ते`  इंदौर : सनसनीखेज हत्याकांड की शिकार आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद के बुजुर्ग पिता ने आज यहां विशेष सीबीआई अदालत में स्वीकार किया कि भाजपा के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण विजय और भोपाल के भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से उनकी बेटी के गहरे रिश्ते थे। हालांकि, सीबीआई के इस अहम गवाह ने हाई प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर दोनों भाजपा नेताओं पर कोई सीधा आरोप नहीं लगाया जिनके नाम मामले में उछल चुके हैं।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनुपम श्रीवास्तव के सामने शहला के पिता मसूद सुल्तान (70) ने बचाव पक्ष के वकीलों की जिरह के दौरान कहा कि वर्ष 2000.01 में किसी माहिरा ने शहला की ध्रुवनारायण से मुलाकात करायी थी। उन्होंने बताया कि भोपाल (मध्य क्षेत्र) के भाजपा विधायक की शहला से ‘हार्दिक’ दोस्ती हो गई थी। ध्रुवनारायण का उनके घर आना-जाना था और आरटीआई कार्यकर्ता अपने घर पर भाजपा विधायक के लिए खुद खाना भी पकाती थी। उन्होंने हालांकि कहा कि हत्या से डेढ़ साल पहले शहला का कार्यक्षेत्र दिल्ली हो गया था। इसलिए ध्रुवनारायण का उनके घर आना-जाना कम हो गया था।

सुल्तान के मुताबिक ऐसा क्यों हुआ, इस बारे में उन्होंने अपनी बेटी से कोई पूछताछ नहीं की थी। बहरहाल, जब उनसे पूछा गया कि क्या शहला का भाजपा विधायक से कोई मनमुटाव हो गया था, तो उन्होंने इस सिलसिले में कोई जानकारी होने से इंकार किया। शहला के पिता ने बताया कि 16 अगस्त 2011 को अपनी बेटी की हत्या के बाद उन्होंने सिंह को इसकी सूचना देने के लिए फोन किया था। लेकिन उनसे उस दिन बात नहीं हो सकी।

सुल्तान ने कहा, ‘शहला की हत्या के बाद ध्रुवनारायण न तो मेरे घर आए, न ही मेरे फोन का कोई जवाब दिया।’ शहला के पिता ने बताया कि ध्रुवनारायण की ओर से कहा गया कि तब (शहला की हत्या के बाद ध्रुवनारायण को फोन करने के वक्त) वह उज्जैन के एक मंदिर में थे। उन्होंने कहा, ‘बाद में मुझे पता लगा कि घटना (शहला हत्याकांड) के दिन 16 अगस्त 2011 को ध्रुवनारायण भोपाल में ही थे और उज्जैन गए ही नहीं थे। सुलतान ने विशेष सीबीआई अदालत में इस बात को सही करार दिया कि भाजपा के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता तरुण विजय से उनकी बेटी के ‘घनिष्ठ संबंध’ थे और उनके साथ वह विदेश यात्रा पर भी गई थी।

उन्होंने बताया कि विजय ने उनकी बेटी को श्रीनगर, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में काम दिलाया था। शहला के पिता के मुताबिक उनकी बेटी जब भी दिल्ली पहुंचती थी, तब वह भाजपा सांसद के दफ्तर जाती थी और वहां कम्प्यूटर वगैरह का इस्तेमाल भी करती थी। उन्होंने बचाव पक्ष के एक वकील के सवाल के जवाब में कहा, ‘मैंने सुना था कि शहला मरने से पहले ऐसा कहती थी कि उसके पास कोई बड़ी चीज आ गयी है, जिससे मध्यप्रदेश सरकार हिल सकती है।’

बकौल सुल्तान शहला ने किसी अनिल माधव को अपना ‘सबसे बड़ा दुश्मन’ बताया था। लेकिन उन्होंने अपनी बेटी से यह नहीं पूछा कि उसने ऐसा क्यों कहा था। कथित साजिश के तहत आरटीआई कार्यकर्ता की उनके भोपाल स्थित घर के बाहर 16 अगस्त 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। मामले में भोपाल की इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज समेत पांच आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत इंदौर की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। जाहिदा पर आरोप है कि उसने शहला हत्याकांड की साजिश सौतिया डाह के चलते रची, क्योंकि आरटीआई कार्यकर्ता की ध्रुवनारायण सिंह से नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही थीं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 11, 2012, 21:58

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