Last Updated: Monday, October 22, 2012, 14:49

अररिया: बिहार में राजग सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य को अस्वीकार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें विकास पुरुष मानने से इनकार कर दिया है।
अररिया और किशनगंज में संवाददाताओं से बातचीत में तस्लीमुद्दीन ने आज कहा , ‘ नीतीश कुमार बिहार में विकास का ढोंग कर रहे हैं। वह विकास पुरुष नहीं हैं। केवल इंजीनियर हैं। लोगों को झांसा देकर वह ठग रहे हैं।’
बगावती तेवर दिखाते हुए जदयू नेता ने कहा , ‘ जनता अब समझदार हो गयी है वह नीतीश कुमार के झांसे में नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री जहां जाते हैं सभाओं में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सभाओं में जूते दिखाये जा रहे हैं। नीतीश कुमार को दोबारा सत्ता में लौटने का हक नहीं है। ’
राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर अपनी कथित उपेक्षा के कारण तस्लीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए उन्हें जदयू से निष्कासित करने की चुनौती दी।
तस्लीमुददीन ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा , ‘ नीतीश कुमार को बढावा देने में प्रदेश भाजपा सबसे ज्यादा जवाबदेह है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार के गलत काम को सही का ठप्पा लगाते हैं।’’ राजग गठबंधन में दोनों पार्टियों में राज्य के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने का सिलसिला जारी है। बीते दिनों जदयू विधायक छेदी पासवान और भाजपा के सांसद उदय सिंह ने भी नीतीश सरकार के खिलाफ करारा हमला किया था।
जदयू नेता ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के विकास कार्य में नीतीश सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। तस्लीमुद्दीन ने कहा , ‘ मैं सीमांचल के विकास के लिए जदयू में आया था। नीतीश कुमार सीमांचल की उपेक्षा कर रहे हैं। केंद्र में मंत्री रहते हुए मैंने सीमांचल के लिए 700 करोड रुपये की महानंदा बेसिन परियोजना को मंजूरी दिलाई। सिंचाई क्षमता में बढोतरी, कटाव निरोध होने और बिजली के उत्पादन के कारण इससे सीमांचल का भविष्य संवर सकता था। केंद्र से प्रथम चरण में 406 करोड रुपये की राशि जारी होने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से काम नहीं हुआ है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा , ‘ मैं सीमांचल के विकास के मुद्दे पर न तो मैंने लालू प्रसाद से समझौता किया है और न ही नीतीश कुमार से कोई समझौता करुंगा। सीमांचल की उपेक्षा हो रही है इसके लिए आंदोलन खडा करुंगा।’
तस्लीमुद्दीन ने दावा किया कि उन्होंने अररिया से लेकर गलगलिया (किशनगंज) तक नयी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दिलाई थी। वह भी राज्य सरकार की उदासीनता के कारण ठंडे बस्ते में चली गयी है।
उन्होंने आरोप लगाया , ‘ नीतीश सरकार के कार्यकाल में नौकरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आम लोग भ्रष्ट अधिकारियों के कारण त्रस्त हैं। केंद्र से मिलने वाली राशि में लूट मची हुई है। ’
जदयू नेता ने नीतीश की सेकुलर छवि को भी आड़े लेते हुए कहा , ‘ धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करने वाले नीतीश कुमार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कोई अंतर नहीं है। दोनों एक ही स्कूल के विद्यार्थी हैं। अल्पसंख्यक कभी भी नीतीश कुमार को अपना नेता स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया है। ’
जदयू छोडकर किसी अन्य पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा , ‘ इस पर मैं फैसला उचित समय पर लूंगा। मैं अररिया से निर्दलीय चुनाव भी लड सकता हूं।’ कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खासम खास रहे तस्लीमुद्दीन मई 2010 में जदयू में शामिल हुए थे। पार्टी ने इसका इनाम देते हुए उनके पुत्र सरफराज आलम को बिहार विधानसभा चुनाव में अररिया के जोकीहाट निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया था। आलम अभी विधायक हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 22, 2012, 14:49