Last Updated: Sunday, June 17, 2012, 20:57
अगरतला : पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा से मुकाबला के लिए तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी नेताओं ने यहां रविवार को यह जानकारी दी।
त्रिपुरा तृणमूल कांग्रेस के नेता माणिक देव ने संवाददताओं से कहा, त्रिपुरा में कांग्रेस की विश्वसनीयता नहीं है। लोग गैर-कांग्रेस और गैर-वामदलों की सत्ता चाहते हैं।
उन्होंने कहा, पूर्व के चुनाव में कांग्रेस ने लोगों से कहा था कि वह सत्ता में आ रही है लेकिन नहीं आ सकी। तृणमूल कांग्रेस यहां अपने दम पर सत्ता में आएगी।
देव तृणमूल की त्रिपुरा इकाई के संयोजक हैं। उन्होंने अपने केंद्रीय नेताओं के हवाले से घोषणा की कि पार्टी सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। विधानसभा चुनाव सम्भवत: अगले वर्ष फरवरी में होगा।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन ने पिछले वर्ष मई में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा के खिलाफ मुकाबले में कामयाबी हासिल कर सत्ता में आई थी।
देव ने कहा, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद त्रिपुरा में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अन्य दलों के हजारों नेता और सदस्य तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस ने हालांकि तृणमूल के दावे को खारिज कर दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता तापस डे ने संवाददाताओं से कहा, विपक्षी दलों ने यदि गठबंधन नहीं किया या संयुक्त रूप से चुनाव नहीं लड़ा तो इसका अर्थ होगा सत्तारूढ़ वाममोर्चा की मदद करना।
उल्लेखनीय है कि माकपा के नेतृत्व वाला वाममोर्चा त्रिपुरा में लगातार चार विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल कर 1993 से ही सत्ता पर काबिज है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 17, 2012, 20:57