दारा मुठभेड़: दो और पुलिस अफसरों का सरेंडर

दारा मुठभेड़: दो और पुलिस अफसरों का सरेंडर


जयपुर : छह साल पहले हुए दारा सिंह फर्जी मुठभेड़ मामले में अपनी कथित भूमिका के लिए वांछित दो और पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यहां एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उन्हें तीन अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

इससे कुछ दिनों पहले उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक को सम्मन जारी करते हुए एजेंसी द्वारा फरार पुलिस अधिकारियों को पकड़ने में असफल रहने के बारे में पूछा था। आज दो पुलिस अधिकारियों राजेश सिंह और अरविंद भारद्वाज ने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सिंह घटना के समय मंडल निरीक्षक और भारद्वाज सहायक उप निरीक्षक थे।

23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की एक खंड पीठ ने सीबीआई की जांच के तरीके पर सवाल उठाते हुए जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक से व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा था। साथ ही उच्चतम न्यायलय ने राज्य सरकार द्वारा फरार पुलिस अधिकारियों को निलंबित ना करने पर नाराजगी जाहिर की थी। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति एस एस निज्झर और एचएस गोखले शामिल थे। इन दोनों पुलिस अधिकारियों के समर्पण करने के साथ अब तक इस मामले में केंद्रीय कारागार में बंद पुलिस अधिकारियों की कुल संख्या 14 हो गई है।

अब एकमात्र फरार अधिकारी जुल्फिकार है। उनके साथ ही विजय चौधरी नामक शराब माफिया गिरोह का एक सदस्य भी इस मामले में वांछित है। दारा सिंह को 23 अक्टूबर, 2006 को एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था। वह एक स्थानीय शराब तस्कर था। उच्चतम न्यायालय दारा सिंह की पत्नी सुनीता सिंह की याचिका पर मामले की सुनवाई कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 31, 2012, 00:19

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