Last Updated: Thursday, July 11, 2013, 14:36

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले साल 16 दिसंबर की रात चलती बस में एक युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में नाबालिग आरोपी पर मुकदमा एक वयस्क के रूप में चले या नाबालिग के रूप में इस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने गुरुवार को निर्णय 25 जुलाई तक के लिए टाल दिया। आरोपी की उम्र घटना के वक्त साढ़े 17 साल थी।
यदि उस पर नाबालिग अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलता है तो उसे इस अपराध के लिए अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है और इसमें उसके द्वारा जेल में बिताए गए वर्ष भी शामिल होंगे। वह पिछले महीने ही 18 साल का हुआ है।
पीड़िता के परिवार और सामाजिक संगठनों ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने और उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास देने की मांग की है।
पिछले साल दिल्ली में हुई इस सामूहिक दुष्कर्म की वारदात में नाबालिग सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। अन्य आरोपियों में राम सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा तथा अक्षय शर्मा शामिल हैं। इनके खिलाफ दक्षिणी दिल्ली की साकेत अदालत में मुकदमा चल रहा है, जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ जेजेबी में सुनवाई हो रही थी। आरोपी राम सिंह के तिहाड़ जेल में मृत पाए जाने के बाद उसके खिलाफ सुनवाई बंद कर दी गई है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 11, 2013, 08:54