Last Updated: Thursday, August 1, 2013, 22:45
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड की निष्पक्ष सुनवाई के लिए दिल्ली पुलिस को बचाव पक्ष के उन गवाहों को विशेष संदेशवाहकों के माध्यम से सम्मन भेजने का निर्देश दिया जिन्हें बिहार में कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। अक्षय ठाकुर के वकील ने अदालत में आरोप लगाया कि आरोपी के पक्ष में गवाही देने वाले गवाहों को बिहार पुलिस अवैध रूप से हिरासत में रखी हुई है और औरंगाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सही तथ्य सामने नहीं रख रहे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने कहा, ‘हांलाकि गवाह बचाव पक्ष के हैं और उन्हें पेश करना उनकी जिम्मेदारी है लेकिन आरोपी के वकील के आरोप, निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने और आरोपी के न्यायिक हिरासत में होने तथा उसके मामले को आगे बढ़ाने के लिए उसके वकील के अलावा किसी और के नहीं होने जैसी बातों को ध्यान में रखकर गवाहों को औरंगाबाद के सीजेएम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से हाजिर होने के लि कहा जाए।’ अदालत ने कहा, ‘साकेत के इंसपेक्टर (सुरक्षा) के माध्यम से विशेष संदेशवाहक के जरिए एवं फैक्स के माध्यम से भी सम्मन भेजे जाएं।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 1, 2013, 22:45