Last Updated: Friday, November 11, 2011, 16:09
नई दिल्ली : ऑटो चालकों की बदसलूकी और ज्यादा भाड़ा मांगने से परेशानहाल दिल्लीवासियों को राहत दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में एक लाख नए ऑटो-रिक्शा के लिए परमिट जारी करने को मंजूरी दी है।
न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और सीके प्रसाद की विशेष पीठ ने दिल्ली परिवहन प्राधिकार की 2002 में दायर याचिका पर यह हरी झंडी दिखाई है। इस याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राजधानी में ऑटो रिक्शा की अधिकतम संख्या पर 16 दिसंबर 1997 को लगायी गयी सीमा हटाने की मांग की गई थी। वरिष्ठ वकील और अदालत को इस मामले में मदद करने वाले वकील पीएस नरसिम्हा और दिल्ली सरकार के वकील वसीम अहमद कादरी के मुताबिक आज के निर्देश के अनुसार प्रशासन अब राजधानी में और एक लाख ऑटो लाने को अनुमति दे सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 1997 में निर्देश दिया था कि ऑटो रिक्श का कोई नया पंजीकरण नहीं होगा क्योंकि ये दो या चार स्ट्रोक वाले पेट्रोल इंजन से चलते हैं, जिससे दिल्ली में प्रदूषणा फैल रहा है। साथ मौजूदा ऑटो के बदले नए ऑटो लाने को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद आटो को सीएनजी से चलने वाले वाहन में परिवर्तित किया गया लेकिन नए पंजीकरण पर प्रतिबंध के कारण ऑटो मालिक और चालक कई तरह की गड़बड़ियां करने लगे।
अपने आवेदन में परिवहन विभाग ने ऑटो संख्या इस आधार पर बढ़ाए जाने की मांग की थी कि उनके देश में सार्वजनिक परिवहन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 11, 2011, 21:48