Last Updated: Wednesday, September 18, 2013, 11:30
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के सफाई कर्मचारियों के कपल्स को निजी पल बिताने के लिए कमरे और टॉयलेट किराए पर ज़ी न्यूज के खुलासे का असर हुआ है। दिल्ली मेट्रो ने मामले की जांच का आदेश दिया है। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक ( कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन) अनुज दयाल के मुताबिक टीवी चैनल पर दिखाए गए स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जांच के लिए डीएमआरसी के चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर को दी गई है। अगर जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ज़ी मीडिया से सीडी भी मांगी गई है ताकि इस मामले की जांच आगे की जा सके।
ज़ी मीडिया की क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन टीम ने यह खुलासा किया था कि मेट्रो स्टेशनों पर तैनात फॉर्थ क्लास कर्मचारी मेट्रो के प्रशासनिक कामों और जनसुविधाओं के लिए बने कमरों को किराए पर देने का काम कर रहे हैं। ऑन डिमांड मेट्रो स्टेशनों पर बॉथरुम, टॉयलेट और विकलांगों के लिए बनाए गए विशेष सुविधा कक्ष को कुछ इस तरह से तब्दील कर दिया जाता है कि वो यौन जोड़ों के लिए इंटिमेट मोमेंट्स के प्वाइंट बन सकें। इसके लिए युवा जोड़ों के हाव-भाव को देखकर उनसे किराया भी वसूला जाता है। एक घंटे का किराया 500 रुपए तक हो सकता है। ऐसा किसी एक स्टेशन पर नहीं, बल्कि ज्यादातर मेट्रो स्टेशन्स पर हो रहा है। यही हाल रेस कोर्स मेट्रो स्टेशन, अशोक पार्क मेट्रो स्टेशन, ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन, मादीपुर मेट्रो स्टेशन और ज़ोरबाग मेट्रो स्टेशन का भी था।
जिस तरह से महज़ 500 रुपए के लिए मेट्रो स्टेशनों के कर्मचारी अपने बॉथरुम, टॉयलेट्स और रुम्स को युवा जोड़ों को किराए पर दे सकते हैं, उससे मेट्रो का सुरक्षा घेरा टूट सकता है। क्या हुआ अगर आतंकी संगठन क्लिनिंग स्टाफ के लालच को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लिया। दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ दोनों इसे सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हैं।
मेट्रो एंड रेलवे के ज्वाइंट सीपी मुकेश कुमार मीणा के अनुसार, मेट्रो स्टेशनों पर पैसे लेकर युवा जोड़ों को कमरे उपलब्ध कराने की बात से मेट्रो की साख को बट्टा लगा है। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं।
First Published: Wednesday, September 18, 2013, 11:30