दिल्‍ली गैंगरेप: कोर्ट में बहस पूरी, चारों दोषियों की सजा का 13 को होगा ऐलान

दिल्‍ली गैंगरेप: कोर्ट में बहस पूरी, चारों दोषियों की सजा का 13 को होगा ऐलान

दिल्‍ली गैंगरेप: कोर्ट में बहस पूरी, चारों दोषियों की सजा का 13 को होगा ऐलानज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसंबर की रात चलती बस में 23 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने और उसे बुरी तरह घायल करने के मामले में दोषी ठहराए गए चारों अभियुक्‍तों की सजा पर बुधवार को साकेत कोर्ट में बहस पूरी हो गई। कोर्ट अब शुक्रवार यानी 13 सितंबर को इन चारों दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगा। जानकारी के अनुसार, कोर्ट शुक्रवार दोपहर ढाई बजे इस मामले में फैसला देगी।

दिल्ली की अदालत ने पिछले वर्ष 16 दिसंबर की रात 23 वर्षीय युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए गए सभी चारों व्यक्तियों के खिलाफ सजा बुधवार को सुरक्षित रख लिया, जिसे शुक्रवार को घोषित किया जाएगा।

इससे पहले, आज कोर्ट में चारों दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश की सजा पर बहस पूरी हो गई। सुनवाई के दौरान दोषी ठहराए गए चारों अभियुक्‍तों को मृत्युदंड देने की मांग अभियोजन पक्ष ने की। घटना के कुछ दिनों बाद युवती की मौत हो गई थी। अतिरिक्त सरकारी अभियोजक दयन कृष्णन ने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की। उन्होंने कहा कि चारों दोषी ऐसे जघन्य कृत्य के लिए मृत्युदंड के ही हकदार हैं। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि मृत्युदंड का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अदालत कक्ष के बाहर के कारकों ने मामले की सुनवाई को प्रभावित किया है।

गौर हो कि अदालत ने मंगलवार को चारों को दोषी ठहराया था और इस अपराध को `पूर्वनियोजित` और `क्रूर` बताया था। न्यायालय ने 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करने, उसे गंभीर चोट पहुंचाने तथा उसे सड़क किनारे मरणासन्न अवस्था में फेंक देने के मामले में चारों को दोषी ठहराया। इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यह मामला पूरी दुनिया में सुर्खियों में छा गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश ने मंगलवार को कहा था कि आरोपियों द्वारा पीड़ित को पहुंचाए गए जख्म खतरनाक और मौत के लिए पर्याप्त थे। इनमें 18 जख्म उसके अंदरूनी अंगों में थे। अदालत ने कहा था कि आरोपियों द्वारा पीड़िता के शरीर के अंदर लोहे का राड घुसाना उसे मारने के इरादे से ही था।

सामूहिक दुष्कर्म की घटना के दोषियों में से एक पवन गुप्ता के वकील ने अभियोजन पक्ष की मौत की सजा की मांग का विरोध करते हुए कहा कि उसकी कम उम्र को देखते हुए उस पर दया की जानी चाहिए। वकील ने कहा कि फल विक्रेता पवन मात्र 19 वर्ष का है और उसे सुधरने का अवसर मिलना चाहिए। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि अपराध अचानक हुआ और यह पूर्व नियोजित नहीं था। उसे मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।

इस मामले में दोषियों को सजा दिए जाने के मुद्दे पर बहस करते हुए अभियोजन पक्ष ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के लिए चारों आरोपियों को मृत्युदंड देने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि गत 16 दिसंबर की रात दिल्ली में एक 23 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट के साथ घटी सामूहिक दुष्कर्म की घटना और कुछ दिनों बाद पीड़िता की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

First Published: Wednesday, September 11, 2013, 14:19

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