Last Updated: Tuesday, April 9, 2013, 20:46

नई दिल्ली: स्थानीय बसपा नेता दीपक भारद्वाज की हत्या के दो सप्ताह बाद पुलिस ने मंगलवार को भारद्वाज के बेटे को गिरफ्तार कर लिया जिसने कथित तौर पर एक वकील को इस काम के लिए पांच करोड़ रुपये की सुपारी दी थी और वकील ने यह काम एक स्वयंभू स्वामी को सौंप दिया।
नितेश कथित तौर पर अपने पिता द्वारा उसे फार्महाउस में नहीं घुसने देने से हुई बेइज्जती और संपत्ति में उचित हिस्सा नहीं दिये जाने का बदला लेना चाहता था वहीं वकील चुनाव लड़ने के लिए पूरा खर्च चाहता था। हालांकि बाद में वह पांच करोड़ रुपये में तैयार हो गया।
वकील बलजीत सिंह शहरावत (51) को भी 36 वर्षीय नितेश के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि स्वामी प्रतिभानंद फरार है। दो कथित शूटर पुरुषोत्तम राणा और सुनील मान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल दो देसी पिस्तोल, 30 लाख रुपये और तीन कारें जब्त की हैं। कारों में एक स्विफ्ट, एक स्कोडा और एक सेंट्रो हैं।
पुलिस ने कहा कि नितेश अपने पिता दीपक भारद्वाज से नाराज था। दीपक 2009 के लोकसभा चुनाव में खड़े होने वाले सबसे अमीर उम्मीदवार थे जिन्होंने अपनी संपत्ति 600 करोड़ रुपये घोषित की थी। नितेश कुछ साल पहले परिवार में हुए विवाद के बाद से अलग रहने लगा था।
सूत्रों के मुताबिक भारद्वाज द्वारा अपनी संपत्ति के बंटवारे की योजना से भी नितेश नाखुश था।
भारद्वाज को गत 26 मार्च को दक्षिण दिल्ली के रजोकरी में उनके फार्महाउस में गोली मार दी गयी थी जो उनके बेटे नितेश के ही नाम पर है। हत्या को कथित तौर पर राणा और मान ने अंजाम दिया। दोनों एक कार में भाग गये जिसे अमित चला रहा था और उसका मालिक राकेश नामक व्यक्ति है। अमित को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) छाया शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘नितेश ने हमें बताया कि खुद के और परिवार के प्रति पिता के रवैये से वह परेशान था। उसे उस फार्महाउस में भी नहीं घुसने दिया गया जिसमें बाद में भारद्वाज की हत्या कर दी गयी। पांच-छह महीने पहले उसने अपने पिता से छुटकारे का फैसला किया।’
छाया शर्मा के अनुसार नितेश ने शहरावत से बातचीत की जो वकालत से ज्यादा प्रोपर्टी डीलिंग के पेशे में था।
भारद्वाज और नितेश के साथ जमीन के कुछ सौदे करने वाला शहरावत महिपालपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता था और उसने नितेश से कहा कि अगर उसे पूरा चुनाव खर्च मिल जाए तो वह यह काम कर देगा। हालांकि जनवरी में शहरावत ने मन बदला और पांच करोड़ रुपये में हत्या को अंजाम देने के लिए तैयार हो गया।
उन्होंने कहा, ‘शहरावत ही प्रतिभानंद के साथ संपर्क में था। वह पहले से उसे जानता था और स्वामी से ज्यादातर बातचीत उसने ही की। वह प्रतिभानंद के घर पर भी रुका था।’ अनेक जगहों से निकाले जा चुके प्रतिभानंद को अपना खुद का आश्रम बनाने के लिए पैसों की जरूरत थी और उसने कथित तौर पर अपने ड्राइवर राणा से संपर्क किया। राणा ने हत्या को अंजाम देने के लिए मान और अन्य लोगों से बात की। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 9, 2013, 13:18