Last Updated: Monday, September 23, 2013, 09:45

नई दिल्ली : केंद्रीय आईएएस अधिकारी संघ ने कहा कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का विवादास्पद निलंबन वापस लेने का फैसला विलंबित फैसला है। संघ ने एक तंत्र की मांग की जो देश में नौकरशाहों के स्वतंत्र और निष्पक्ष कामकाज को सुनिश्चित करे।
केंद्रीय आईएएस अधिकारी संघ के सचिव संजय आर भूस रेड्डी ने कहा कि हर कोई जानता है कि यह विलंबित (नागपाल की बहाली) फैसला है। आईएएस अधिकारियों को देश में ऐसा माहौल चाहिए जिसमें वे स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम कर सकें।
दुर्गा का निलंबन रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस लिया। दुर्गा का निलंबन तकरीबन दो महीने बाद वापस लिया गया। उन्होंने कहा कि हम कार्मिक राज्य मंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव से नियमों में बदलाव की मांग को लेकर उनसे मिले थे। उन्होंने कहा कि नौकरशाहों पर अनुचित दबाव पर अंकुश लगाने के लिए एक तंत्र होना चाहिए, जो देश के लिए अथक काम करे। आईएएस अधिकारी संघ ने देशभर में अपने अधिकारियों को बचाने की मांग की थी।
उन्होंने मांग की थी कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) अधिकारियों के तबादले की शक्ति राज्यों से छीन ली जानी चाहिए। फिलहाल कैडर नियंत्रक प्राधिकार के तौर पर राज्य सरकार के पास अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर आने वाले अधिकारियों का तबादला या निलंबन करने की शक्ति है।
2010 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गा को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के लिए गत 27 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। दुर्गा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में एसडीएम के पद पर तैनात थीं और उन्होंने रेत खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 23, 2013, 09:45