Last Updated: Monday, February 6, 2012, 08:03
पटना : बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध संजय गांधी जैविक उद्यान में फरवरी में नए मेहमान आने वाले हैं। उद्यान प्रशासन का मानना है कि उद्यान में ऐसे कई जानवर हैं जिनका परिवार अभी अधूरा है, जिसे पूरा करने की कवायद की जा रही है।
उद्यान प्रशासन के मुताबिक संजय उद्यान में गुवाहाटी चिड़ियाघर से तेंदुए का एक जोड़ा और एक लेपर्ड कैट लाए जाएंगे, जबकि इनके बदले उद्यान से वहां सियार का एक जोड़ा, दो मादा लंगूर, एक नर लंगूर और गोल्डेन फिजेंट का एक जोड़ा भेजे जाएंगे। इसी तरह, त्रिपुरा के चिड़ियाघर से एक लेपर्ड कैट मंगाई जा रही है। वर्तमान समय में यहां तीन मादा लेपर्ड कैट हैं लेकिन नर लेपर्ड कैट के नहीं होने से इनका प्रजनन रुका हुआ है।
गुवाहाटी से तेंदुआ का एक जोड़ा आने के बाद इनकी संख्या यहां एक नर और तीन मादा सहित चार हो जाएगी। नर तेंदुए के आने के बाद इनकी प्रजनन की सम्भावना बढ़ जाएगी।
जैविक उद्यान के निदेशक अभय कुमार ने बताया, आगामी 15 फरवरी के बाद इन जानवरों का आदान-प्रदान किया जाएगा। चिड़ियाघर का महत्व केवल इसलिए नहीं है कि दर्शक उन्हें देखकर अपना मनोरंजन करें बल्कि इसलिए भी है कि चिड़ियाघर में जानवरों की संख्या बढ़े। इसी उद्देश्य को लेकर दो चिड़ियाघरों के बीच आपसी सामंजस्य से जानवरों का आदान-प्रदान किया जाता है।
पटना का 'हृदय' माने जाने वाले और 15,295 एकड़ में फैले इस उद्यान में 800 से ज्यादा जानवर हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चिड़ियाघर के इन जानवरों को देखने के लिए देश और विदेश से काफी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।
First Published: Monday, February 6, 2012, 16:35