Last Updated: Wednesday, September 25, 2013, 21:21
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के अनुरूप नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया में संशोधन के लिये दायर याचिका पर दिल्ली सरकार को तीन महीने के अंदर कोई फैसला करने का आज निर्देश दिया।
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत दाखिले के लिए बच्चों के बारे में छानबीन करने पर पाबंदी है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन और न्यायमूर्ति मनमोहन की सदस्यता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए उप राज्यपाल को इस सिलसिले में 12 हफ्ते के अंदर कोई फैसला करने के लिये कहा है। नागरिक अधिकार संगठन सोशल जूरिस्ट ने मान्यता प्राप्त स्कूल (प्री प्राइमरी स्कूल में दाखिला प्रक्रिया) आदेश 2007 में संशोधन की मांग की है।
याचिका में नर्सरी दाखिला प्रक्रिया के उपबंध-14 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा-13 के अनुरूप संशोधन का अनुरोध किया गया है जो दाखिले के लिए बच्चों के बारे में छानबीन पर पाबंदी लगाया है। जनहित याचिका के मुताबिक दिल्ली सरकार ने अपने 2007 के आदेश में निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों को यहां नर्सरी दाखिले के लिए अपना दिशानिर्देश बनाने की छूट दी थी।
याचिकाकर्ता एनजीओ के वकील अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए अपना खुद का दिशानिर्देश तैयार करने के लिए पूरी छूट देकर सरकार ने आरटीई की धारा-13 का उल्लंघन किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 25, 2013, 21:21