Last Updated: Saturday, November 17, 2012, 13:17
पटना: पटना सहित बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में शनिवार को `नहाय-खाय` की रस्म के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारम्भ हो गया। पटना के गंगा तटों पर सुबह से ही छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ने लगी। पहले दिन छठ व्रत करने वाले पुरुषों और महिलाओं ने आंतरिक शुद्धि के लिए नदियों, तालाबों और विभिन्न जलाशयों में स्नान करने के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का प्रसाद ग्रहण किया।
परिवार की समृद्धि और कष्टों के निवारण के लिए इस महान पर्व के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धालु दिनभर निराहार रह कर सूर्यास्त होने की बाद खरना करेंगे। शाम को भगवान भास्कर की पूजा की जाएगी और रोटी व दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। आसपास के सभी लोग व्रती के घर पहुंचते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारम्भ हो जाएगा। पर्व के तीसरे दिन सोमवार को छठ व्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देंगे। पर्व के चौथे दिन यानी मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त होगा। इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर `पारण` करेंगे।
छठ को लेकर पटना के गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक घाट पर दो गोताखोर मौजूद हैं। रोशनी की पूरी व्यवस्था के साथ 32 मोटरबोटों व पुलिस गश्त का भी इंतजाम किया गया है। गंगा नदी में नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है तथा छठ घाटों पर पटाखे छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। (एजेंसी)
उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा घाटों का निरीक्षण किया था।
First Published: Saturday, November 17, 2012, 13:17