Last Updated: Monday, February 13, 2012, 17:53
अलीगढ़ : उर्दू के मशहूर शायर और गीतकार अखलाक मोहम्मद शहरयार का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।
पारिवारिक सूत्रों ने यहां बताया कि शहरयार फेफड़े के कैंसर से पीड़ित थे और उनका आज शाम करीब पांच बजे अलीगढ़ स्थित अपने आवास पर निधन हो गया। उनके परिवार में दो बेटे तथा एक बेटी हैं।
बरेली के आंवला क्षेत्र के मूल निवासी शहरयार को पिछले साल साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार (2008) से नवाजा गया था। मुख्यमंत्री मायावती तथा राज्यपाल बीएल जोशी ने शहरयार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
शहरयार के छ: से ज्यादा काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने उमराव जान, गमन, अंजुमन सहित कई फिल्मों के गीत भी लिखे। वह अलीगढ़ विश्वविद्यालय में उर्दू के प्रोफेसर और उर्दू के विभागाध्यक्ष रहे थे। उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में ‘ख्वाब का दर बंद है’, ‘शाम होने वाली है’, ‘मिलता रहूंगा ख्वाब में’ शामिल हैं।
शहरयार के पार्थिव शरीर को कल दोपहर बाद अलीगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 13, 2012, 23:28