Last Updated: Sunday, October 21, 2012, 20:33
मदुरै : पंद्रह सौ साल पुराने एक शैव मठ के वरिष्ठ महंत ने स्वयंभू विवादास्पद बाबा नित्यानंद को बतौर अपने उत्तराधिकारी बर्खास्त करने के बाद आज कहा कि उनके साथ मिलकर उन्होंने जो न्यास बनाया था, उसे भंग कर दिया गया।
मदुरै अधीनाम के 292 वें प्रमुख श्री अरुणगिरिनाथर ने कहा, ‘हिन्दु धार्मिक एवं पुण्यार्थ विभाग ने प्रधान उप न्यायालय में कहा था कि मदुरै अधीनाम न्यास की स्थापना बगैर इजाजत के की गई थी और मठ का उद्देश्य 1000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति को अपने नियंत्रण में लेना और उसका प्रबंधन करना था। इसके आलोक में इस न्यास को भंग कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि नित्यानंद की बर्खास्तगी के साथ ही इस मठ का सम्मान और प्रतिष्ठा बहाल हुई है जिसमें तिरुगनानसंबंधर समेत महान संत उसके प्रमुख रहे।
उन्होंने कहा, ‘इस न्यास के बने रहने की कोई जरूरत नहीं है।’ एक सवाल के जवाब में अरुणगिरिनाथर ने कहा कि नित्यानंद यदि चाहते तो भी उनके लिए उन्हें बर्खास्त करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ प्रमुख कनिष्ठ द्वारा बर्खास्त नहीं किया जा सकता।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 21, 2012, 20:33