Last Updated: Saturday, November 24, 2012, 18:19

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बिहार में सात वर्ष (वर्तमान सरकार के दो वर्ष) पूरे होने के मौके पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस मौके पर उन्होंने सरकार की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास के सात वर्ष पूरे हो गए।
रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब किसी भी इलाके से छह घंटे में राजधानी पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर बिजली की हालत में सुधार नहीं हुआ तो वह जनता के बीच वोट मांगने नहीं जाएंगे। नीतीश ने कहा कि कृषि रोड मैप के जारी होने के बाद किसानों में उत्साह बढ़ा है जिसके परिणाम भी उत्साहित करने वाले हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में जब से राजग की सरकार सत्ता में आई है तभी से सरकार के वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हैं।
नीतीश ने कहा कि चाहे वह आधारभूत संरचना का सवाल हो या सुशासन का प्रश्न उसमें कोताही नहीं बरतनी चाहिए और अब हमारा जोर सामाजिक आधारभूत संरचना के निर्माण पर है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में मानव विकास सूचकांक में बढोतरी हुई है और मंत्रिमंडल के स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और बाल अधिकार प्रदेश में मिशन मानव विकास का गठन किया गया है तथा उस स्तर से निगरानी हो रही है।
नीतीश ने कहा कि सबकी ताकत की बदौलत आज बिहार आगे बढ़ रहा है, जिसकी चर्चा देश और दुनिया में जरूर हो रही है। लेकिन इस गति से बढने में राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने में 25 वर्ष लगेंगे। इसलिए हमारी मांग है कि प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि चाहे वह प्रति व्यक्ति आय, निवेश, मानव विकास सूचकांक या आधारभूत हर मामले में राष्ट्रीय बिहार राष्ट्रीय औसत से हमारी दूरी सबसे ज्यादा है, बल्कि आज देश में विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों से भी यह प्रदेश पीछे है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति के कारण विभिन्न इकाईयों में 412 करोड़ रुपए का लाभ हुआ और 143 औद्योगिक इकाईयों का कार्य अंतिम चरण में है और 89 इकाईयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसमें से 54 कृषि प्रसंस्करण से जुड़ी हुई हैं।
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इससे यहां निवेश बढ़ेगा। उनकी सरकार ने नए सिरे से औद्योगिक विकास प्रोत्साहन परिषद का गठन किया है, जिसमें देश के नामी-गरामी उद्योगपति और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसकी एक बैठक हो चुकी है।
सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए नीतीश ने कहा,‘भ्रष्टाचार के मामले में हम कतई बर्दाश्त की नीति रखते हैं और इसके खिलाफ लडाई सदैव जारी रहेगी। हर स्तर फैले भ्रष्टाचार से जनता को निजात दिलाने के लिए उनकी सरकार ने अनेक पहल की है और संस्थागत इंतजाम किए हैं।’
उन्होंने कहा कि पिछले साल बिहार में विशेष न्यायालय विधेयक बनाए और भ्रष्ट लोकसेवकों द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति को जब्त किया जा रहा है और बच्चों के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में एक सशक्त और व्यापक लोकायुक्त अधिनियम बनाने में कामयाब हुए और उसे साधन संपन्न बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नए लोकायुक्त के जांच के दायरे में मुख्यमंत्री से लेकर तमाम अन्य मंत्री, सभी स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधिगण और मुख्य सचिव से लेकर तमाम सरकारी अधिकारी तथा पुलिस महानिदेशक से लेकर तमाम पुलिस अधिकारी आते हैं।
नीतीश ने कहा कि देश में शायद पहली बार बिहार में ही मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री, मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक समेत सभी अधिकारी एवं तृतीय श्रेणी के कर्मचारी प्रत्येक वर्ष अपनी संपत्ति की विवरण देते हैं, जिसे राज्य सरकार के वेबसाइट पर डाला जाता है।
उन्होंने कहा कि बिहार में लोक सेवा कानून बनाया गया है और पिछले 15 महीनों में ढ़ाई करोड़ लोगों ने इसका लाभ उठाया और इसमें अब अपील का प्रावधान किया गया है।
नीतीश ने कहा कि 2008 से 2012 तक के लिए बनाए गए कृषि रोड मैप में बीज और तकनीक पर ध्यान दिया गया, जिसका नतीजा यह निकाला कि बिहार के किसानों ने धान और आलू के उत्पादन में विश्व रिकार्ड तोडा। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों के लिए उनकी सरकार ने जो कृषि रोड मैप बनाया है और इसका केंद्र बिंदु खेती के काम में लोगों की आमदनी बढ़े।
नीतीश ने कहा कि भूमि प्रबंधन सही हो इसके लिए भूखंडों का सर्वेक्षण और भूमि से विवादों के निपटारे के लिए एक कानून बनाकर अगले तीन वर्षों के दौरान इनके निपटारा का लक्ष्य रखा गया है और उसके बाद प्रदेश में चकबंदी का काम पूरा कर लिया जाएगा।
बिहार के सभी 250 आबादी वाले बसावटों के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना’ की शुरुआत करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में प्रति दिन 35 किलोमीटर सडक का निर्माण हो रहा है।
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में बिजली की सतत उपलब्धता के लिए कई विद्युत परियोजनाओं पर काम जारी है और इसके लिए कई करार भी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने पिछले 15 अगस्त को कहा था कि अगर 2015 तक प्रदेश में बिजली की स्थिति नहीं सुधरी तो वे जनता के बीच वोट मांगने नहीं जाएंगे।
नीतीश ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद अब गुणवत्ता वाली शिक्षा पर उनकी सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए विश्व बैंक के सहयोग से 1600 करोड़ रुपए की एक योजना पर काम जारी है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 24, 2012, 17:10