नेताओं की हत्‍या पर माकपा ने जताया विरोध - Zee News हिंदी

नेताओं की हत्‍या पर माकपा ने जताया विरोध


कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में बुधवार को हुई झड़प के दौरान पूर्व विधायक सहित मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो नेताओं की हत्या को लेकर माकपा ने इस घटना के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है और इस घटना पर कड़ा विरोध जताया है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे माकपा के अंतर्कलह का नतीजा करार दिया।

 

जानकारी के अनुसार देवानदिघी क्षेत्र में हुई झड़प के दौरान उत्तर बर्दवान के पूर्व विधायक प्रदीप ताह और जिला समिति सदस्य कमल गायेन की हत्या कर दी गई। पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि इस घटना में दो लोग घायल हुए थे। क्षेत्र में काफी तनाव पैदा हो गया है। पुलिस अधीक्षक एसएच मिर्जा ने बताया कि इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। माकपा ने इन हत्याओं के लिए सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।

 

माकपा राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 28 फरवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में शांतिपूर्ण ढंग से जुलूस निकाल रहे पार्टी के सदस्यों पर तृणमूल समर्थकों ने हमला कर दिया। तृणमूल समर्थकों ने घातक हथियारों का इस्तेमाल कर दो नेताओं की हत्या कर दी। तृणमूल की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस घटना पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। माकपा राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य राबिन देब ने तृणमूल कांग्रेस पर पिछले आठ महीने से राज्य में 'जंगल राज' कायम रखने का आरोप लगाया।

 

ममता जो इस समय एक आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली में हैं, उन्होंने कहा कि यह माकपा के अंतर्कलह का नतीजा है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम ने आरोप लगाया कि बुधवार को माकपा कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र में लगे अन्य सभी पार्टियों के झंडे फाड़ दिए थे। उन्होंने कहा कि रविवार को कोलकाता में आयोजित रैली के दौरान माकपा नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को हिंसक माध्यमों से राजनीतिक मैदान पर कब्जा जमाने के लिए उकसाया था।

 

इसी वजह से माकपा के लोग जबरन अन्य पार्टियों के झंडे हटे रहे थे, लेकिन उन्हें स्थानीय ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। हकीम ने कहा कि किसी की भी मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन हड़ताल के लिए समर्थन जुटाने के नाम पर माकपा राज्य में फिर से आतंक फैलाने की कोशिश कर रही है। ताह हालांकि इस वक्त जीवित नहीं हैं, लेकिन वह सशस्त्र जुलूसों और हिंसा को लेकर बदनाम थे।

 

तृणमूल नेता और मंत्री मोलोय घटक ने कहा कि उनकी पार्टी के लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि माकपा समर्थकों ने प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में उनके नाम दे दिए। "लेकिन एफआईआर में दर्ज कई नामों का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के नेता सूयकांत मिश्रा ने कहा कि ममता और उनकी सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि प्रशासन की सहायता से तृणमूल समर्थकों ने इस घिनौने कृत्य को अंजाम क्यों दिया। इन दो हत्याओं के साथ पिछले नौ महीनों में राज्य में मारे गए माकपा कार्यकर्ताओं की संख्या 58 हो गई है। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले ही प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल होने से रोकने के लिए एक परिपत्र भी जारी किया था।

उधर, कांग्रेस नेता ओमप्रकाश मिश्रा ने कहा कि हम इस राजनीतिक झड़प की कड़ी निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी, भले ही वह राजनीतिक पहचान वाला व्यक्ति ही क्यों न हो। इस बीच माकपा ने इस घटना के विरोध में राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं। बर्दवान के जिला नेतृत्व ने 12 घंटे के जिला बंद का ऐलान किया है।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, February 23, 2012, 13:34

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