Last Updated: Monday, April 29, 2013, 17:50
रांची : झारखंड में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता `पत्नी` से परेशान हो रहे हैं। मीडिया के सामने आकर पत्नी होने का दावा कर नेताओं के लिए असहज परिस्थिति पैदा कर रही हैं। जनवरी तक अर्जुन मुंडा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे बैजनाथ राम इस कड़ी में सबसे ताजा उदाहरण हैं। शनिवार को अनुसूचित जाति शाखा की उपाध्यक्ष सीमा राय नई दिल्ली में मीडिया से मुखातिब हुई और कहा कि उनके `पति` ने उन्हें संकट में लाकर छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि भगोड़ा पति कोई और नही राम हैं। वे पहले से ही शादीशुदा हैं और तीन बच्चों के पिता हैं।
झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने यहां सोमवार को संवाददाताओं को बताया, बैजनाथ राम और सीमा राय दोनों को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। इस तरह के आरोप का सामना करने वाले बैजनाथ राम पहले भाजपा नेता नहीं हैं। अर्जुन मुंडा सरकार में ही जनवरी तक मंत्री रहे सत्यानंद झा बतुल पर भी ऐसे ही आरोप लग चुके हैं। सोनी देवी नाम की शिक्षिका ने 2011 में आरोप लगाया थ कि बतुल उनके पति हैं और उनसे उन्हें एक बच्चा भी है। बतुल ने इस आरोप से इनकार किया, लेकिन सोनी देवी मीडिया के सामने अपना दावा दोहराती रही।
भाजपा ने बतुल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उनसे कोई कारण भी बताने के लिए नहीं कहा गया। बतुल ने पार्टी से इस्तीफा भी नहीं दिया। इस तरह का दोहरा मापदंड अपनाने पर पार्टी के भीतर ही कई लोगों की भृकुटि तन गई है। अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने बताया, इस प्रकार की घटनाओं से पार्टी की छवि पर असर पड़ता है। दोनों ही आरोपी नेता पूर्व मंत्री हैं। दोनों नेताओं पर लगे आरोप में पार्टी को एक समान मापदंड अपनाने का साहस दिखाना चाहिए। इससे पहले भाजपा को तब भी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था जब इसके पहले पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ऐसे ही आरोपों के कारण सुर्खियों में आए थे। लेकिन मरांडी ने 2006 में पार्टी छोड़ दी और अपनी अलग से पार्टी बना ली। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 29, 2013, 17:50