Last Updated: Sunday, May 20, 2012, 06:09
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने आज एक साल पूरे कर लिए हैं। 'मां, माटी मानुष' का नारा देते हुए आज ही के दिन ममता ने 34 साल तक सत्ता पर काबिज रही वामपंथी सत्ता को बेदखल कर दिया था।
सत्ता संभालते ही ममता ने परिवर्तन का नारा दिया था। ममता का कहना था कि इस परिवर्तन के लिए बड़ी रकम चाहिए लेकिन राज्य का खजाना खाली है। इस मसले पर पूरे साल ममता की केंद्र से नोकझोंक होती रही। वह लंबे समय से विशेष पैकेज की मांग करती रही। लेकिन वह सब कुछ ममता को केंद्र से नहीं मिला जितनी मांग थी।
माओवादियों से निपटने के मोर्चे पर ममता लगातार आगे बढ़ी। हालांकि उनपर ये आरोप लगता रहा है कि वह माओवादियों की ताकत से चुनाव में जीतती आई हैं, लेकिन ममता के आने के बाद माओवादी राज्य में कमजोर पड़े हैं। किशन जी से लेकर शशिधर महतो तक ममता राज में मारे गए हैं। हाल ही में ममता ने यह भी दावा किया है कि जंगल महल में भी सरकार का नियंत्रण हो गया है।
उक्त उपलब्धियों के बीच एक साल के दौरान ममता कई विवादों में भी घिरी हैं। उनका कार्टून बनाने वाले प्रोफेसर को ममता ने जिस तरह से प्रताड़ित किया, उसकी काफी निंदा हुई है। कोलकाता में हुए एक रेप केस को उन्होंने सीपीएम की साजिश बता दिया। इस दौरान पश्चिम बंगाल के अस्पतालों की बदहाली और वहां मरीजों की मौत की घटनाएं भी लगातार होती रही हैं। एएमआरआई अस्पताल में लगी आग के दौरान भी उनकी सरकार के तौर-तरीकों पर सवाल उठे थे।
सिंगूर से टाटा को हटाने वाली ममता बनर्जी अपनी सरकार के एक साल होने के बाद भी सिंगूर के किसानों को जमीन वापस नहीं लौटा पाई हैं और अब वह किसानों को वजीफा देने की बात कर रही हैं।
First Published: Sunday, May 20, 2012, 23:30