Last Updated: Friday, March 23, 2012, 10:35
बेंगलुरु : अपनी
वापसी के लिए जबरदस्त अभियान चलाने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी सेवाओं के इस्तेमाल को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का फैसला स्वीकार करेंगे। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा लगातार कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई परिवर्तन नहीं होगा।
हाल के दिनों में मुख्यमंत्री के रूप में अपनी बहाली के लिए जबरदस्त अभियान चलाने वाले येदियुरप्पा ने एक अस्थाई संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि यह पार्टी पर निर्भर है कि वह मेरी सेवाओं का किस रूप में इस्तेमाल करती है। पार्टी अलाकामान जो भी फैसला करेगा, मुझे स्वीकार होगा। दिल्ली में अध्यक्ष नितिन गडकरी, लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और अन्य सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं से सलाह मशविरा कर लौटे कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी किसी पद पर जोर नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि पार्टी उचित समय पर उचित फैसला करेगी। दिल्ली में गौड़ा ने भी केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने अपने इस्तीफे के बारे में खबरों को खारिज किया और दावा किया कि पार्टी के केंद्रीय नेता उनकी सरकार और उनके द्वारा पेश किए गए बजट से खुश हैं। गौड़ा ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई परिवर्तन नहीं होगा। उन्होंने येदियुरप्पा को राज्य का निर्विवाद नेता करार दिया।
यह उल्लेख करते हुए कि लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज अवैध खनन के मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय येदियुरप्पा को क्लीन चिट दे चुका है, गौड़ा ने उम्मीद व्यक्त की कि पूर्व मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी पाक साफ बनकर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि यह पार्टी आलाकमान पर निर्भर है कि येदियुरप्पा को क्या पद दिया जाना चाहिए। मीडियाकर्मियों से अलग से बात करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उडुपी-चिकमंगलूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार वी. सुनील कुमार की हार के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं । यह सीट मुख्यमंत्री बनने तक गौड़ा के पास थी।
उन्होंने कहा कि उडुपी-चिकमंगलूर उपचुनाव में हार के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। विभिन्न कारणों से मैं प्रचार नहीं कर सका। कहा जा रहा है कि उपचुनाव में हार का एक कारण येदियुरप्पा का प्रचार अभियान से दूर रहना भी है। येदियुरप्पा ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ चार घंटे तक हुई अपनी बातचीत को ‘फलदायक’ बताया। उन्होंने करीब 65 विधायकों को लेकर एक रिसोर्ट में डेरा डालने के अपने कदम का बचाव किया और कहा कि उन्हें पता चला था कि विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार गडकरी ने विधानसभा में बिना किसी बाधा के बजट पारित कराने के लिए समर्थन करने की बात कहते हुए येदियुरप्पा से पार्टी के फैसले के लिए धर्य रखने और इंतजार करने को कहा । बजट सत्र के 30 मार्च को खत्म होने की उम्मीद है ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 23, 2012, 20:51