पीसीआर वाहनों की संख्या बढ़ाने संबंधी दिया आदेश

पीसीआर वाहनों की संख्या बढ़ाने संबंधी दिया आदेश

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में 16 दिसंबर की रात चलती बस में 23 वर्षीय एक लड़की के साथ बर्बर सामूहिक बलात्कार के मामले में दिल्ली पुलिस की ताजा स्थिति रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। अदालत ने इसे तब स्वीकार किया जब शहर पुलिस ने घटना वाले दिन क्षेत्र में तैनात पुलिस अधिकारियों के नामों का पूर्व में खुलासा न करने के लिए माफी मांगी और इलाके में उस दिन गश्त कर रहे पुलिस अधिकारियों के नामों का खुलासा किया। अदालत ने इस बीच, महिलाओं सहित नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय को राजधानी में पीसीआर वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया है।

दिल्ली पुलिस के वकील दयान कृष्णन ने मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वी के जैन की पीठ के समक्ष ताजा स्थिति रिपोर्ट दायर करते हुए कहा कि मैं संबंधित पीसीआर वाहनों में तैनात पुलिसकर्मियों के नामों का खुलासा नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं, हालांकि उनके नाम आरोपपत्र में हैं क्योंकि वे मामले में गवाह हैं।

अदालत ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय को पीसीआर वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि केंद्र सरकार को उक्त मुद्दे को देखना चाहिए और पीसीआर वाहनों की मौजूदा संख्या 617 में इजाफा किया जाना चाहिए। इसने यह भी कहा कि उचित गश्त उद्देश्यों के लिए इस तरह के पीसीआर वाहनों की भूमिका की समीक्षा भी की जानी चाहिए। कृष्णन ने अदालत को बताया कि वर्तमान 617 पीसीआर वाहनों में से 74 मरम्मत कार्य सहित विभिन्न कारणों से सड़कों पर नहीं हैं और इस संबंध में एक सिफारिश गृह मंत्रालय में भी लंबित है। इस पर गृह मंत्रालय की पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजीव मेहरा ने कहा कि वह ‘तत्काल कदमों’ के लिए मुद्दा सरकार के समक्ष उठाएंगे।

उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की एक सदस्यीय एक समिति गठित की गई है और यह समूची घटना को देखेगी तथा भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तीन महीने के भीतर कदम सुझाएगी। अदालत ने कहा कि कृपया आप हमें घटनाक्रम से अवगत कराते रहें । इसे तीन महीने से ज्यादा नहीं होने चाहिए। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख निर्धारित कर दी।

पीठ ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि पीसीआर वाहनों में तैनात पुलिसकर्मी मामले में गवाह हैं और आरोपपत्र में उनके नाम हैं। तब, स्थिति रिपोर्ट में उनके नामों का खुलासा करने में क्या कठिनाई थी? आपको यह हमें पहले बताना चाहिए था। अदालत ने मामले में कल कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि केवल एक कनिष्ठ पुलिस अधिकारी को निलंबित किया गया और पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ अधिकारियों को जवाबदेह नहीं ठहराया गया। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 10, 2013, 20:34

comments powered by Disqus