Last Updated: Thursday, June 21, 2012, 13:10

पुरी: आतंकवाद के खतरे को देखते हुए आज यहां कड़ी सुरक्षा के बीच विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा महोत्सव पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। बारहवीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर के देवताओं और उनकी परंपरागत रथयात्रा को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु इस शहर में एकत्र हुए।
खुफिया एजेंसियों से संभावित आतंकी खतरे की खबर मिलने के बाद और कुछ गुटों द्वारा अव्यवस्था फैलाने की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिए 7,000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
रथयात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा की प्रतिमाएं पूजा अर्चना के बाद मंदिर के गर्भगृह से निकाली गईं। मंगल आरती और मइलम जैसे धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद इन प्रतिमाओं को रत्न सिंहासन से 22 सीढ़ियां नीचे स्थित बाइसी पहाचा लाया गया। वहां से सिंह द्वार लाए जाने के बाद तीनों प्रतिमाओं की पूजा कर पहांदी की रस्म निभाई गई।
श्रद्धालु और सेवायत प्रतिमाओं को देखने के लिए उत्सुक थे। भक्ति संगीत के बीच घंटियां, कहालियां और शंख बजाए गए। पुरी के मंदिर से करीब दो किमी दूर स्थित गुंडिचा मंदिर में तीनों भगवानों को नौ दिवसीय अस्थायी प्रवास के लिए ले जाने की खातिर लकड़ी से बने तीन खूबसूरत रथ बाहर खड़े थे।
भगवान जगन्नाथ का रथ नन्दीघोष 45 फुट उंचा है और उसमें लकड़ी के विशाल 16 पहिये लगे हैं। दो अन्य रथों की उंचाई इससे कम है। इनमें से तालध्वजा रथ 44 फुट उंचा है और उसमें 14 पहिये हैं। इसमें बलभद्र की प्रतिमा है। सुभद्रा का रथ दारपदालन है जो 43 फुट उंचा है। इसमें 12 पहिये लगे हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 21, 2012, 13:10