Last Updated: Thursday, May 16, 2013, 18:39

रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व उपनेता भूपेश बघेल ने राज्य में पुष्प स्टील मामले में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री रमन सिंह के इस्तीफे की मांग की है। बघेल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि पुष्प स्टील का मामला छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की जीती जागती तस्वीर है।
उन्होंने कहा कि पुष्प स्टील मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पांच अप्रैल 2013 को अपना फैसला सुना दिया है, जबकि अभी तक राज्य की भाजपा सरकार बार-बार इस मामले को न्यायालय में विचाराधीन बनाती रही है। उन्होंने दावा किया कि फैसले में पुष्प स्टील और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार की अपील न्यायालय ने ठुकरा दी है। फैसले से यह स्पष्ट है कि पूरे मामले की सुनवाई में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने हर बिंदु पर पुष्प स्टील के पक्ष का समर्थन किया है।
बघेल ने कहा कि पुष्प स्टील मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 20 जुलाई 2010 को एक फैसला लिया था। इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय की संयुक्त पीठ ने पांच अप्रैल 2013 को अपना आदेश सुनाया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के पांच मई 2005 की चिी के आधार पर 19 अक्टूबर 2005 को केन्द्र सरकार ने कहा कि पुष्प स्टील ने संयंत्र लगाने के लिये बहुत सारे कदम उठाये है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पुष्प स्टील एंड माइनिंग लिमिटेड ने राज्य सरकार के साथ समझौता किया था कि यह कंपनी राज्य में 380 करोड़ रूपए का निवेश करेगी और इस कंपनी को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम द्वारा दुर्ग जिले के बोरई औद्योगिक क्षेत्र में जमीन दी गयी और उद्योग लगाने का काम प्रगति पर है। इसके अलावा यह कंपनी चार लाख टन वार्षिक उत्पादन क्षमता का स्पंज आयरन-इंटिग्रेटेड स्टील संयंत्र लगायेगी, जो स्पेशल स्टील का उत्पादन करेगा, जबकि समझौता तीन लाख 15 हजार टन के इस्पात संयंत्र का है।
इस कंपनी ने इच्छा व्यक्त की थी कि उन्हें अगले 15 महीनों में इस्पात की और आवश्यकता पड़ेगी इसलिये 215 हेक्टेयर की खनन और उनके द्वारा आवेदित दूसरे क्षेत्र के लिये ‘प्रास्पेटिंग लीज’ स्वीकृत कर दी जाये। राज्य सरकार की नीतियों के तहत यह आवश्यक था कि पांच मई 2005 को पुष्प स्टील ने प्रभावशाली कदम उठा लिए हो। इस कंपनी जो प्रभावशाली कदम उठाया वह सीएसआईडीसी से जमीन लेना मात्र था।
बघेल ने आरोप लगाया कि जिन व्यक्तियों ने पुष्प स्टील कंपनी बनाई, उन्हें स्पंज आयरन और इस्पात संयंत्र लगाने का कोई पूर्व अनुभव नहीं था। दो जून 2004 को जिस दिन कंपनी बनी उसी दिन आवेदक ने दिल्ली से लगभग एक हजार मील दूर छत्तीसगढ़ में कंपनी के लिए खनन पट्टे (माइनिंग लीज) और संभावित पट्टे (प्रोस्पेक्टिंग लीज) के लिए दो आवेदन लगाए। कांग्रेस नेता ने कहा इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से स्पष्ट है कि उन्होंने पूर्व में जो भी आरोप लगाये है वह सही है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को इस आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 16, 2013, 18:39