Last Updated: Sunday, January 6, 2013, 20:12

वाजितपुर (बिहार) : राजधानी पटना से 22 किलोमीटर दूर वाजितपुर गांव स्थित अपने पूर्वजों के घर पहुंचे मॉरिशस के राष्ट्रपति राजेकेश्वर प्रयाग अत्यंत भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसु छलक आए।
वाजितपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रयाग ने कहा कि वह अपने परदादा की धरती पर आकर वह बहुत प्रसन्न हैं और इस खुशी में उनकी आंखें छलक आयी हैं। हजारों की संख्या में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत और बिहार के साथ मॉरिशस का भाई-भाई का संबंध है। यह संबंध देश-देश का नहीं है। बिहार की धरती से जब हमारे पूर्वज मॉरिशस गए तो भारत और बिहार को अपने दिल में लेकर गए। वहां बहुत गरीबी थी। आज डेढ़ सौ साल बाद भी मेरे और मॉरिशस के लोगों के दिल में बिहार बसा हुआ है।’
प्रयाग ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दें। इसी से गरीबी मिटेगी। जात-पात छोड़कर मिल-जुलकर बिहार को आगे बढ़ाएं जैसे एकता से हमने मॉरिशस को बनाया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरे परदादा लक्षमण प्रयाग और उनके भाई डेढ़ सौ साल पहले अंग्रेजों द्वारा पत्थर उठाने के लिए मॉरिशस ले जाए गए थे। अंग्रेजों ने कहा था कि पत्थर उठाएंगे तो सोना मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं था, वहां दुख ही दुख था। गरीबी ऐसी थी कि लोगों को केवल बासी चावल खाने को मिलता था, लेकिन शिक्षा से हमने नया मॉरिशस बनाया।’
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दी हुई सीख को याद करते हुए मॉरिशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग ने कहा, ‘गांधी जी ने अफ्रीका से लौटते समय मॉरिशस में कहा था कि हम सभी को पढ़ाई में लगना चाहिए और बच्चों को शिक्षा देनी चाहिये, शिक्षा से दुख मिटेगा।’ उन्होंने कहा कि 1934 में मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति शिवसागर रामगुलाम ने शिक्षा को पहली और आखिरी प्राथमिकता घोषित की थी। मॉरिशस के सारे नेता शिक्षा पर बल देते हैं। बिहार के लोगों को गरीबी से निकलना है तो अपने बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए प्रयाग ने कहा, ‘जबसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की बागडोर संभाली है। इस प्रदेश की चर्चा सारी दुनिया में हो रही है। बिहार में भी मॉरिशस की प्रगति की चर्चा हो रही है। यहां लोगों को जात-पात छोड़कर बिहार को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। 40-50 साल पहले मॉरिशस में बहुत गरीबी थी। पेयजल, बिजली और सड़क नहीं थी। मेहनत से हमने मॉरिशस को आगे बढ़ाया है।’ वाजितपुर में पूर्वजों का गांव खोज निकालने के लिए नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए प्रयाग ने कहा, ‘25 साल पहले वे अपने पूर्वजों के गांव खोजने के लिए बिहार आए थे। तीन दिनों तक यहां रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने मेरे परदादा का गांव खोज निकाला है इसके लिए उन्हें धन्यवाद है।’
मॉरिशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग ने कहा कि वह मॉरिशस की लोगों की शुभकामनाएं लेकर यहां आए हैं। बिहार और भारत के साथ मॉरिशस का संबंध शाश्वत है। वे यहां फिर आएंगे और काफी समय देंगे। कम समय के लिए आने के लिए वे माफी चाहते हैं। इस अवसर पर वाजितपुर गांव में निवास कर रहे प्रयाग के भतीजे और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें उपहार स्वरूप चांदी के लोटा में वाजितपुर गांव की मिट्टी, धान की बाली, धोती और एक सौ एक रुपये भेंट किए। राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी अनीता प्रयाग, उनके मंत्रिमंडल के तीन सदस्य और वहां के उच्चायुक्त भी वाजितपुर गांव आये। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 6, 2013, 20:12