Last Updated: Saturday, August 25, 2012, 21:06
मुम्बई : महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी भाजपा ने आज दावा किया कि गत 11 अगस्त को अल्पसंख्यक समूहों की ओर से आजाद मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान संभावित हिंसा होने की पुलिस के साथ ही महाराष्ट्र के गृह विभाग के पास भी ‘विश्वसनीय’ सूचना थी लेकिन वे इसे रोकने के लिए कोई भी कदम उठाने में असफल रहे।
भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुम्बई के बांद्रा उपनगरीय इलाके में रहने वाली एक महिला ने गत नौ अगस्त को पुलिस उपायुक्त (जोन आठ और नौ) को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया था कि उसके पास इस बात की विश्वसनीय सूचना है कि (प्रदर्शन के दौरान) कुछ असामाजिक तत्व हिंसा में लिप्त होंगे। उन्होंने मराठी भाषा में लिखा वह पत्र मीडियाकर्मियों को दिखाया लेकिन महिला की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
भंडारी ने कहा कि पत्र में कहा गया है कि सलीम लाइटवाला गिरोह आयोजनस्थल पर बड़े पैमाने पर हिंसा करने की योजना बना रहा है। इससे यह बात सामने आती है कि उस दिन की हिंसा पूर्वनियोजित थी जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। गत 11 अगस्त का विरोध प्रदर्शन का आयोजन रजा अकादमी और कुछ अन्य समूहों की ओर से असम और म्यामां में अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाले कथित अत्याचार की निंदा करने के लिए किया गया था।
भाजपा नेता ने इस दौरान एक फोटो भी दिखाया जिसमें रजा अकादमी के सदस्य मौलाना मोइन मियां को एक इफ्तार पार्टी में गृह मंत्री आर आर पाटिल और आवास राज्य मंत्री सचिन अहिर के साथ दिखाया गया है।
उन्होंने कहा, सरकार इस हिंसा के लिए जिम्मेदार है। उन्हें इसके बारे में घटना के दो दिन पहले ही सूचना मिल गई थी। पाटिल के साथ दिखायी दे रहा व्यक्ति इस हिंसा के आरोपियों में शामिल है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 25, 2012, 21:06