Last Updated: Monday, February 4, 2013, 21:30

श्रीनगर/नई दिल्ली : कश्मीर में सक्रिय लड़कियों के एकमात्र बैंड ‘प्रगाश’ ने सर्वोच्च मुफ्ती की ओर से गाने को गैर इस्लामी बताए जाने और ‘फतवा’ जारी करने के बाद सोमवार को गायिकी छोड़ने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित बड़ी संख्या में लोग इन लड़कियों के समर्थन में सामने आए और उनसे गायिका नहीं छोड़ने का आग्रह किया था। सैयद अली शाह गिलानी की अगुआई वाले हुर्रियत कानफ्रेंस के अलगाववादी धड़े ने भी इसके लिए सर्वोच्च मुफ्ती की आलोचना की।
इन लड़कियों ने पुरूष के वर्चस्व वाले क्षेत्र में कदम रखा था, लेकिन रूढिवादी समाज के लोगों की ओर से उन्हें ऑनलाइन धमकी दी गयी और अपशब्द कहे गये। इस बैंड के करीबी सूत्रों ने बताया कि लड़कियों ने मुफ्ती के फतवे के कारण गायिकी छोड़ने का फैसला किया है। सर्वोच्च मुफ्ती बशिरूद्दीन अहमद ने कल गायिकी को गैर इस्लामिक करार देकर इसके खिलाफ फतवा जारी किया था।
गौरतलब है कि 10वीं कक्षा की छात्रा नोमा नजीर (गायिका सह गिटारवादक), ड्रम वादक फराह दीबा और गिटारवादक अनीका खालिद ने ‘प्रगाश’ नाम का बैंड बना कर पिछले साल दिसंबर में श्रीनगर में हुई ‘बैटल ऑफ दी बैंड्स’ प्रतियोगिता में जोरदार प्रस्तुति देकर पहली बार में ही सर्वोच्च प्रदर्शन का पुरस्कार हासिल किया।
इन लड़कियों को मिल रहे जबरदस्त समर्थन के बाद हुर्रियत के अलगाववादी धड़े ने कहा कि इन लड़कियों को कोई खतरा नहीं है। किसी ने कोई धमकी नहीं दी। यह सिर्फ मीडिया का दुष्प्रचार है और वे कश्मीरियों को बदनाम करने के लिये एक मामूली मुद्दे को इतना बड़ा बना रहे हैं। हुर्रियत के इस धड़े के प्रवक्ता अय्याज अकबर ने कहा कि महज सोशल साइटों पर कुछ युवकों के अपशब्दों को खतरा नहीं कहा जा सकता। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि हुर्रियत इस तरह के अपशब्द या दबाव का समर्थन नहीं करता है।
राज्य में विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी:पीडीपी: की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी बैंड को मिल रही धमकी की आलोचना की और मीडिया पर मुद्दे को नकारात्मक तरीके से पेश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ लोगों की ओर से फेसबुक पर लड़कियों को मिले अपशब्द और धमकियों पर गौर करना चाहिये। यह एक समस्या है जिसका हल निकालना होगा। महबूबा ने कहा कि इस मुद्दे पर आ रही खबरों (विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया) ने ऐसी छवि पेश की है मानो कश्मीरी ‘तालिबानी जैसे’ हैं।
उधर, राजधानी नई दिल्ली में भी सभी राजनैतिक दलों और महिला संगठनों ने बैंड के प्रति समर्थन जताया। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने इसे पूरी तरह गलत बताया। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस फतवे की आलोचना की और कहा कि इस बैंड को रोकना समाज को पिछड़ेपन की ओर ले जाएगा। भाजपा की संसद सदस्य नजमा हेप्तुल्ला ने कहा कि धर्म के पक्ष में कुछ भी कहने से धर्म का कोई फायदा नहीं होगा। अगर आपको गाने पसंद नहीं हैं तो उन्हें ना सुनें। मुझे नहीं लगता कि धर्म के नाम पर उन्हें (बैंड) रोकना सही है। बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद जय पांडा ने भी इस बैंड का समर्थन किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 4, 2013, 21:30