फर्जी स्टांप और नोट बनाने में छह को सजा

फर्जी स्टांप और नोट बनाने में छह को सजा

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने फर्जी स्टांप एवं जाली नोट बनाने और बेचने वाले छह लोगों को अलग-अलग कैद की सजा सुनाई है। ये सभी मामले वर्ष 2007 के हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विरेंदर भट्ट ने कहा कि इन लोगों ने जाली नोट एवं स्टांप बनाने और बेचने की एक समानांतर मशीनरी बना ली थी जिससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हो गया था।

इन छह लोगों में से विरेंदर राय और उसके सहयोगी हरि नारायण को 10 साल की कैद और क्रमश: 2.25 एवं 1.5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी गयी। साफ्टवेयर पेशेवर यज्ञ दत्त शर्मा, सतपाल और डाक विभाग के बर्खास्त कर्मचारी रोहताश कुमार को सात-सात साल की कैद और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी।

हालांकि अदालत ने मामले के छठे दोषी राज कुमार को रिहा कर दिया क्योंकि वह मुकदमे के दौरान अपनी सजा की अवधि पूरी कर चुका है। उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, August 26, 2012, 12:57

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