Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 15:49
कोलकाता : प्रवासी भारतीय दंपति अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों के नाना-नानी ने बुधवार को इस बात पर खुशी जताई कि आठ महीने तक नार्वे के बाल देखभाल अधिकारियों द्वारा रखे गए बच्चों को उनके चाचा को सौंप दिया जाएगा।
शिखा चक्रवर्ती ने एक टीवी चैनल को बताया कि निसंदेह यह बड़ी राहत की बात है कि अभिज्ञान (3) और ऐश्वर्या (1) अब अपने माता-पिता को मिल सकेंगे और हम उन्हें देखने के लिए बेकरार हैं।
भारत और नार्वे के बीच हुई सहमति को भावनात्मक करार देते हुए शिखा ने कहा कि हमने उन्हें लंबे समय से नहीं देखा। ऐसा लगता है कि एक भी सैकंड बर्बाद नहीं हो। शिखा चक्रवर्ती ने कहा कि मैंने आज ओस्लो में अपनी बेटी से टेलीफोन पर थोड़ी देर तक बातचीत की और वे भी इस खबर से बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन हम अपनी बेटी और दामाद को अब कभी ओस्लो नहीं जाने देंगे। हम उनसे कहेंगे कि भारत सबसे सुरक्षित देश है जहां उन्हें रहना चाहिए। बच्चों के नाना मोनोतोष चक्रवर्ती ने कहा कि वह अपने दामाद को किसी ऐसे देश में नहीं जाने देंगे। नई दिल्ली के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत और नार्वे के बीच समझौते के तहत बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को उनके चाचा व अनुरूप के वकील भाई अरूणाभ को सौंपा जाएगा जो कोलकाता में रहते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 21:19