बसपा से बाहर निकाले गए दिग्गजों की होगी वापसी

बसपा से बाहर निकाले गए दिग्गजों की होगी वापसी

बसपा से बाहर निकाले गए दिग्गजों की होगी वापसीलखनऊ : अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपनी चुनावी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। संगठन में फिर से नई ताकत फूंकने के लिए उन पुराने नेताओं के लिए घर वापसी का रास्ता खोल दिया गया है जिन्हें किन्हीं कारणों से पार्टी से बाहर कर दिया गया था।

बसपा ऐसे नेताओं को माफी मांगने के बाद फिर से हाथी पर सवारी करने का मौका देगी, बशर्ते उनकी आपराधिक छवि नहीं होनी चाहिए। बसपा प्रमुख के बदले हुए रुख के बाद फैजाबाद, इलाहाबाद, कानपुर, बांदा, पीलीभीत, बरेली तथा महोबा सहित कई अन्य जनपदों में ऐसे नेताओं की फिर से बसपा में वापसी हुई है।

उधर, पार्टी कोआर्डिनेटर उन पुराने बसपा नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हैं, जिन्होंने पार्टी से निकाले जाने के बाद दूसरे दलों का हाथ थाम रखा है। अनुशासन को लेकर हमेशा कड़क रहने वाली बसपा प्रमुख मायावती की इस नई रणनीति को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के मुकाबले बसपा के वोटों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं था। ऐसे में पार्टी का मानना है कि पुरानों को जोड़कर लोकसभा चुनाव की वैतरणी को अच्छे तरीके से पार किया जा सकता है। प्रदेश में लोकसभा की अधिकतर सीटों पर बसपा पहले ही उम्मीदवार तय कर चुकी है।

घोषित उम्मीदवारों के जमीनी आधार को पार्टी प्रमुख लगातार टटोल रही हैं। वह पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिले वोटों का खास तौर से आकलन कर रही हैं, जिससे परिस्थतियां यह कह रही हैं कि पुराने बसपा नेताओं को फिर से पार्टी से जोड़कर वोटों में इजाफा किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की बदली रणनीति के बाद जिन नेताओं की बसपा में वापसी हुई, उनमें सबसे प्रमुख नाम पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी का बताया जा रहा है। लोकायुक्त की जांच में फंसने के बाद मायावती ने उन्हें मंत्री पद से हटाने के साथ ही पार्टी से निकाल दिया था। वैसे, विधानसभा चुनाव में त्रिपाठी के स्थान पर उनके बेटे को टिकट दिया गया था। महोबा के पूर्व विधायक राकेश गोस्वामी की भी इसी तरह पार्टी में वापसी हुई है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा ने बाहर का रास्ता दिखाया था।

बसपा के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के गृह जनपद बांदा से राम सेवक शुक्ल को भी फिर से बसपा में शामिल किये जाने की खबर है। पीलीभीत से पूर्व विधायक अनीस अहमद को भी बसपा में वापस लिया गया है। अहमद वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में जीते थे, लेकिन पिछला चुनाव हारने के बाद उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में हटाया गया था।

पुराने दिग्गजों की बसपा में वापसी की इस कड़ी में फैजाबाद के बबलू सिंह का भी नाम है। सिंह बसपा से विधायक रहे हैं और इन्हें भी पार्टी से हटाया गया था। कानपुर में जनरलगंज विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सर्वेश कुमार शुक्ल, कैंट से चुनाव लड़ चुके पिंटू सिंह और आर्यनगर क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके सुनील बाबू की भी पार्टी में वापसी हुई है। बरेली में आर.के. शर्मा और अनुराग शर्मा की बसपा में वापसी हुई है। अन्य नेताओं की तरह इन्हें भी पार्टी से निकाला गया था।

सूत्रों का कहना है कि अप्रैल के अंत तक आजमगढ़, आगरा, गोरखपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, गोण्डा, कानपुर देहात, झांसी, ललितपुर, बाराबंकी, सीतापुर तथा वाराणसी सहित कई अन्य जनपदों के पुराने बसपा नेताओं की पार्टी में वापसी के आसार हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 27, 2013, 12:57

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