Last Updated: Wednesday, June 19, 2013, 16:05

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) सरकार ने लम्बे समय के अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करते हुए विश्वास मत हासिल कर लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 126 विधायकों ने मतदान किया, जबकि 24 ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। सदन में कुल 243 सदस्य हैं। भाजपा के 91 सदस्यों और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक विधायक ने सदन से बहिर्गमन किया।
नीतीश कुमार को अपनी पार्टी जद (यू) के 117 विधायकों, चार निर्दलीयों, चार कांग्रेसी विधायकों और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के विधायक का समर्थन प्राप्त हुआ। जद (यू) का एक विधायक जेल में है।
नीतीश के विश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने वालों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 22 विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
जद (यू) द्वारा रविवार को भाजपा से 17 वर्ष पुराना रिश्ता तोड़ने के तत्काल बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि वह बुधवार को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल करेंगे।
उल्लेखनीय है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जद (यू) ने भाजपा के साथ अपना 17 वर्ष पुराना गठबंधन समाप्त कर लिया, और उसके बाद जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 19, 2013, 11:11