Last Updated: Sunday, July 22, 2012, 14:47

पटना : बिहार में नदियों को जोड़ने की कुल 11 योजनाओं पर काम जारी है जिसमें बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और थर्मल पावर से संबंधित योजनाएं शामिल हैं। बिहार राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अफजल अमानुल्लाह ने बताया कि नदियों को जोड़ने की इन योजनाओं में सबसे बड़ी योजना 12298 करोड़ रुपए की पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल के समीप से गंगा नदी के पानी को दक्षिण बिहार में स्थानांतरित करने की है जिससे पटना, नवादा, नालंदा, गया, औरंगाबाद तथा जमुई जिले लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि इस योजना की पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट स्वीकृत हो गई है तथा राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा इसकी विस्तृत परियाजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम प्रगति पर है। अमानुल्लाह ने बताया कि बक्सर के समीप गंगा नदी के पानी को दक्षिण बिहार में स्थानांतरित करने की एक अन्य योजना से रोहतास, आरा और बक्सर जिले लाभान्वित होंगे और इस परियोजना का डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण तैयार कर रहा है।
उन्होंने बताया कि सिंचाई के उद्देश्य से नदियों को जोड़ने की 4441.82 करोड़ रुपए लागत वाली दूसरी बड़ी योजना कोशी-मेची लिंक योजना है जिसकी पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट स्वीकृत हो गई है तथा इसका डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इस योजना से प्रदेश के सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया जिले लाभान्वित होंगे। अमानुल्लाह ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से नदियों को जोड़ने वाली योजनाओं में सबसे बड़ी 3946 करोड़ रुपए की बूढ़ी गंडक- सोन- बाया- गंगा लिंक योजना है जिससे समस्तीपुर, बेगूसराय और खगड़िया जिला लाभान्वित होंगे। इस परियोजना की पीपीआर केंद्रीय जल आयोग को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 22, 2012, 14:47