Last Updated: Sunday, January 13, 2013, 15:17
पटना : दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए जनता के दबाव का असर बिहार में प्रशासनिक व्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है और रेलवे सहित राज्य के विभिन्न विभागों में हेल्पलाइन की स्थापना समेत कई पहल की जा रही हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए समाज कल्याण विभाग ने 35 जिलों में 24 घंटे की महिला हेल्पलाइन की शुरुआत की है। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने एक सिक्यूरिटी कंट्रोल नंबर शुरू किया है जबकि राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) भी जल्द एक हेल्पलाइन शुरू करने जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा जल्द ही एक टॉल फ्री नंबर की शुरुआत की जाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं। इससे महिलाओं को सुविधा होगी। विभाग ने महिला हेल्पलाइन का दायरा विस्तृत करने का निर्णय किया है। पटना में महिला हेल्पलाइन की प्रभारी प्रमिला कुमारी ने बताया ‘‘पहले अधिकतर मामले घरेलू हिंसा के आते थे। दिल्ली की घटना के बाद मीडिया में प्रचार प्रसार के कारण अब बड़ी संख्या में छेड़खानी की शिकायतें भी आ रही हैं।’’ उन्होंने बताया ‘‘युवाओं के सड़कों पर उतरने के कारण लड़कियों को हिम्मत मिली है। वे खुलकर शिकायतें रख रही हैं। हेल्पलाइन को महीने में 45 से 50 शिकायतें मिलती हैं। इनमें अब छेड़खानी की शिकायतें भी मिल रही है।’’
पूर्व मध्य रेलवे ने भी महिलाओं को चलती ट्रेन में सुरक्षा संबंधी शिकायतों के लिए एक कंट्रोल रुम स्थापित किया है जिसके मोबाइल नंबर 9771425718 का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। रेल सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस की निगरानी में 400 ट्रेनों की निगरानी की जा रही है। अपर पुलिस महानिदेशक :एडीजी रेल: पारसनाथ राय ने बताया कि ट्रेनों और प्लेटफार्म पर महिलाओं की सुरक्षा और उनकी मदद के लिए जल्द एक हेल्पलाइन स्थापित किया जाएगा। इस पर काम चल रहा है।
आमतौर पर होने वाली रेल सुरक्षा बल की गश्त के अलावा दिन में भी अब गश्त बढ़ा दी गयी है। राजकीय रेल पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक और थानाध्यक्ष स्तर के पदाधिकारियों को ट्रेन की बोगियों में सप्ताह में तीन दिन अपने अपने क्षेत्र में दिन में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय बच्चियां पैसेंजर ट्रेन से पढ़ने के लिए जाती हैं। राजकीय रेल पुलिस के थानाध्यक्षों को उसमें भी सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा गया है। राय ने कहा कि रेल एडीजी मुख्यालय स्तर पर पहले से ही एक शिकायत के लिए हेल्पलाइन है। कार्यालय अवधि समाप्त होने के बाद और छुट्टियों के दिन भी यह 24 घंटे काम करता है।
बिहार में 2012 में बलात्कार के 872 मामले आये थे जबकि लड़कियों को भगाने सहित अपहरण के 4411 मामले दर्ज किये गये थे। पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग) अरविंद पांडेय ने बताया कि महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में बिहार में पुलिस को ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने को कहा गया है। राज्य में 38 जिलों और दो पुलिस जिलों सहित 40 महिला थानों की स्थापना की गयी है उनके बारे में जगह जगह प्रचार प्रसार किया जा रहा है। पांडेय ने कहा कि स्कूल और कालेज में महिला थानों की पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रति जागरुकता का प्रचार प्रसार कर रही है। एक अभियान चलाया जा रहा है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी अमिताभ प्रभाकर ने बताया कि महिलाओं के लिए आरक्षित रेल डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों को रोकने पर विशेष नजर है। इसमें तेजी लायी जा रही है। 2012 में आरक्षित महिला बोगी में यात्रा करने के आरोप में 5577 लोगों को पकड़ा गया था और उनसे 21.43 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया था।
आईजी ने बताया कि बलात्कार और छेड़खानी के मामलों के त्वरित अनुसंधान और शीघ्र सुनवाई के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पुलिस मुख्यालय की ओर से पत्र लिखा गया है। पुलिस अधीक्षकों को इस प्रकार के मामले में शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए जल्दी अनुसंधान कार्य पूरा कर जल्द आरोपपत्र दाखिल करने को कहा गया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 13, 2013, 15:17