Last Updated: Friday, June 8, 2012, 19:54
पटना : बिहार में रहस्यमय बीमारी से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है और मई से लेकर अबतक एक्यूट इनसेफालोपैथी सिंड्रोम (एइएस) के 197 मरीजों में से 74 की जान जा चुकी है। राज्य सरकार ने कहर ढाने वाली इस रहस्यमय बीमारी का नाम एइएस रखा है जो दिमागी बुखार से मिलते जुलते लक्षण सहित 17 अन्य बीमारियों को मिलाकर दिया गया नाम है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने आज संवाददाताओं से कहा कि पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, मुजफ्फरपुर के केजरीवाल और एसकेएमसीएच तथा गया के एएनएमसीएच में राज्य भर के विभिन्न हिस्सों के 74 बच्चों की अबतक एक्यूट इनसेफालोपैथी सिंड्रोम (एइएस) के कारण मौत हो चुकी है। मई और जून महीने में इस रहस्यमय बीमारी के अब तक 197 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जापानी इनसेफलाइटिस (जापानी मस्तिष्क) ज्वर के दो मामलों की पुष्टि हुई है जो गया के एएनएमसीएच के हैं लेकिन किसी की भी इस बीमारी से मौत नहीं हुई है। मृत बच्चों में सभी मामले एइएस के हैं।
सिन्हा ने बताया कि एइएस में लू, सेरेब्रल मलेरिया, मेनिनजाइटिस, टीबी मेनिनजाइटिस, न्यूरोसिस्टीसरकोसिस, पायोजेनिक मेनिनजाइटिस सहित 17 बीमारियों या दिमागी बुखार से मिलते जुलते लक्षणों को रखा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के भागलपुर स्थित जेएलएनएमसीएच तथा दरभंगा के डीएमसीएच में दिमागी बुखार, जापानी मस्तिष्क ज्वर या एइएस का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
सिन्हा ने बताया कि मुजफ्फरपुर में एइएस के 81 मामले सामने आए, जिनमें से 30 बच्चों की मौत हो गई। सबसे अधिक 21 बच्चों की मौत केजरीवाल चैरिटेबल अस्पताल में हुई और एसकेएमसीएच में नौ बच्चे काल के गाल में समा गये। ये बच्चे तिरहुत और कोसी प्रमंडल क्षेत्र के हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 8, 2012, 19:54