Last Updated: Tuesday, February 5, 2013, 16:41
पटना : बिहार में सीवान जिले के एक शराब व्यवसायी से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोपी सारण प्रक्षेत्र के पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक :डीआईजी: आलोक कुमार को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया।
गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने आलोक कुमार के निलंबन की पुष्टि की। कुमार को स्वार्थ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने, अपने पद की गरिमा के प्रतिकूल काम करने, कर्तव्य पालन में लापरवाही और भ्रष्ट आचरण के आरोप में निलंबित किया गया है।
बीते 20 जनवरी को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस महानिरीक्षक (बजट) अनुपमा एस. निलेकर ने आलोक कुमार के खिलाफ एक शराब व्यवसायी टुन्नाजी पांडेय द्वारा की गई शिकायत के बारे में जानकारी दी थी। पांडेय ने आलोक कुमार पर 10 करोड रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। पुलिस मुख्यालय ने कुमार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमित कुमार से कराई थी। बाद में पुलिस मुख्यालय ने अपनी जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी थी, जिसमें कुमार को निलंबित करने की सिफारिश की गई थी।
आलोक कुमार 1997 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। सारण का डीआईजी रहते हुए उन पर धमकाने और रंगदारी मांगने के आरोप लगे थे। वह पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) भी रह चुके थे। आलोक कुमार को सारण प्रक्षेत्र के डीआईजी पद से हटाने के बाद पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया था और पदस्थापना की प्रतीक्षा में रखा गया था। कुमार के स्थान पर मलार एस. विजी को नया डीआईजी बनाया गया था। गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कुमार को निलंबन की अवधि में आलोक कुमार का मुख्यालय अपर पुलिस महानिदेशक, बिहार सैन्य पुलिस कार्यालय होगा। निलंबन की अवधि में कुमार को जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा। इस अवधि में उन्हें बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
बिहार पुलिस इन दिनों सुखिर्यों में है। बीते दिनों शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक बाबूराम पर एक युवक की बर्बर प्रताड़ना के आरोप लगे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बाबूराम को पुलिस अधीक्षक पद से हटा दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 5, 2013, 16:41