Last Updated: Tuesday, October 30, 2012, 13:31
हरदा, (मप्र) : मां-बाप ने भाजपा की तेजतर्रार नेता उमा भारती से प्रेरणा लेकर अपनी बच्ची का नाम ‘उमा भारती’ रखा था, लेकिन बुखार, उल्टी एवं दस्त का ओझा-तांत्रिकों से इलाज कराने की वजह से उसकी तबियत इस कदर बिगड़ी कि कल यहां उसने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
निजी अस्पताल की संचालिका डा. ललिता मौर्य ने बताया कि दो साल की बच्ची उमा भारती के पेट पर गर्म सलाखों से दागने के गंभीर निशान थे, ऐसे निशान ओझा-तांत्रिक के इलाज चाचुआ की वजह से आते हैं। ऐसे बच्चों को संक्रमण भी जल्द हो जाता है। वैसे बच्ची बुखार और उल्टी-दस्त की वजह से गंभीर कुपोषण की शिकार भी थी।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. श्रीकांत सेंगर ने कहा कि बच्ची को पहले यहां भर्ती किया गया था और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे भोपाल ‘रेफर’ किया गया था, लेकिन मां-बाप उसे भोपाल नहीं ले गए तथा एक स्थानीय निजी नर्सिग होम में भर्ती कर दिया। इस मामले में जो भी दोषी है, उन पर कार्रवाई करेंगे।
यह बच्ची जिले के सांवलखेड़ा गांव निवासी शांतिलाल की है, उन्होने कहा कि हमने पहले उमा भारती का परंपरागत तरीके से इलाज कराया, लेकिन जब उसे फायदा नहीं हुआ, तो उसे लेकर खिरकिया तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। वहां तबियत अधिक बिगड़ने पर हरदा जिला चिकित्सालय लाए। यहां भी उसे लाभ नहीं हुआ, तो चिकित्सकों ने भोपाल ले जाने की सलाह दी, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उसे यहीं एक निजी नर्सिग होम में भर्ती किया। हालाकि वहां भी दो घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 30, 2012, 13:31