Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 16:34

नई दिल्ली : बोधगया विस्फोट मामले में सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने एक व्यक्ति का स्केच जारी किया जिसे महाबोधी मंदिर परिसर में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों से पहले संदेहास्पद तरीके से घूमते देखा गया था।
एनआईए के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस व्यक्ति का पता लगाने के प्रयासों के अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आये हैं जिसके चलते एजेंसी को स्केच जारी करना पड़ा है। एनआईए सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज को और अधिक परिष्कृत किया जा रहा है ताकि संदिग्ध व्यक्ति की स्पष्ट तस्वीर मिल सके।
बौद्ध शिक्षा के शीर्ष केंद्र बोधगया में गत सात जुलाई को हुए विस्फोटों की जांच में बहुत थोड़ी प्रगति ही हुई है। एजेंसी ने राजकोट स्थित घड़ी बनाने वाली इकाई में अपने दल भेजे हैं। इस कारखाने की घड़ियों का इस्तेमाल देशी बम में विस्फोट करने के लिए टाइमर के रूप में किया गया जिसमें दो व्यक्ति घायल हो गए।
एजेंसियों को संदेह है कि बिहार के बोधगया मंदिर विस्फोट में इस्तेमाल आतंकवाद का माड्यूल नया हो सकता है क्योंकि इसमें बरामद बिना फटे देशी बम उस तरह के नहीं है जैसे कि देश में पूर्व के आतंकवादी हमलों में इस्तेमाल किए जाते रहे हैं।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि महाबोधी मंदिर से बरामद बिना फटे तीन आईईडी उन आईईडी से मेल नहीं खाते जिनका इस्तेमाल देश में अभी तक के आतंकवादी हमलों में होता रहा है। आतंकवादियों को पकड़ने के लिए एनआईए पूर्ववर्ती विस्फोटों में इस्तेमाल आईईडी के बनाने के तरीके का मिलान करती है ताकि विस्फोट करने वाले माड्यूल की पहचान की जा सके।
यद्यपि उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं द्वारा निकाला गया यह बहुत प्रारंभिक निष्कर्ष है तथा आगे की जांच से तस्वीर स्पष्ट होगी। एनआईए ने एतिहासिक बोधगया शहर स्थित महाबोधी मंदिर में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के संबंध में एक मामला दर्ज किया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 13:08