Last Updated: Wednesday, July 10, 2013, 13:04
पटना: बिहार में बोधगया के महाबोधि मंदिर में रविवार को हुए सिलसिलेवार नौ बम विस्फोटों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इंडियन मुजाहिद्दीन ने हालांकि माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन जांच अधिकारी और पुलिस अधिकारी मामले की जांच अपने तरीके से कर रहे हैं।
गया के पुलिस अधीक्षक गणेश कुमार ने कहा कि बोधगया प्रबंधन समिति के एक कर्मचारी, एक बौद्ध भिक्षु तथा एक पुलिस अधिकारी के बयान पर बोधगया पुलिस स्टेशन में मंगलवार रात प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का मुख्य ध्यान पटना व गया से हिरासत में लिए गए एक महिला सहित छह संदिग्धों पर है। उनसे पूछताछ की गई है। कुछ को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिरासत में लिया गया है।
एनआईए ने बुधवार को विस्फोटों के संदिग्धों के बारे में किसी भी तरह की सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
अधिकारियों के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को अनिर्दिष्ट प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर में दाखिल होते हुए देखा गया है, जबकि दो लोग उस कार के करीब थे, जिसमें वे आए थे। उनमें से सबसे लंबे व्यक्ति ने अपने कंधे पर थैला टांग रखा था। अधिकारियों को हालांकि जांच में समस्या आ रही है, क्योंकि मंदिर परिसर में स्थापित 16 सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता बेहद खराब है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एनआईए की पांच टीम विभिन्न दृष्टिकोणों से घटना की जांच कर रही है।
एक अधिकारी ने कहा कि खराब सीसीटीवी फुटेज के कारण जांच में समस्या आ रही है। लेकिन मगध क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक एन. एच. खान ने कहा कि जांच सही दिशा में जारी है। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर से मिले एक थैले की जांच भी की जा रही है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 10, 2013, 13:04