Last Updated: Friday, September 2, 2011, 09:18

त्रावणकोर शाही परिवार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के बी-तहखाने को नहीं खोला जाना चाहिए. शाही परिवार ने कहा कि इसके पहले मंदिर से बरामद हुए खजाने की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी इसलिए नहीं हुई, क्योंकि यह मंदिर की परम्पराओं और प्रथाओं के विरुद्ध है.
शाही परिवार ने यह बात सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन और न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की पीठ के समक्ष पेश किए गए एक आवेदन में कही है.
आवेदन में कहा गया है कि बी-तहखाने को खोलना और मंदिर के खजाने की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कर विवरणिका तैयार करना मंदिर और मंदिर में आस्था रखने वालों की परम्पराओं व प्रथाओं के विरुद्ध है.
न्यायालय ने उस समय हैरानी जताई जब उसे बताया गया कि न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने बी-तहखाने को खोलने या न खोलने का निर्णय मंदिर के मुख्य पुजारी पर छोड़ दिया.
न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस समिति को निर्णय लेने का अधिकार दिया गया, वह निर्णय के इस अधिकार को दूसरे को कैसे दे सकती है।
इस बीच मंदिर के खजाने पर स्थानीय अदालत के आयुक्त की रपट न्यायालय को सौंपी गई. इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितम्बर को होगी.
First Published: Friday, September 2, 2011, 14:48