Last Updated: Monday, November 14, 2011, 11:42
इंदौर: मध्यप्रदेश में इंदौर समेत तीन शहरों के सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों के सोमवार से से बेमियादी हड़ताल पर जाने से चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। जूनियर डॉक्टरों ने अपना मानदेय बढ़ाने समेत अलग-अलग मांगों पर प्रदेश सरकार के कथित तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ हड़ताल का कदम उठाया।
इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के सरकारी मेडिकल महाविद्यालयों से सम्बद्ध अस्पतालों के करीब 700 जूनियर डॉक्टर सोमवार से से बेमियादी हड़ताल पर हैं। भोपाल और रीवा के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर मंगलवार को 15 नवंबर से बेमियादी हड़ताल में शामिल होंगे। जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में उनके मानदेय में इजाफा और प्रदेश में मेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना शामिल हैं।
इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में करीब 300 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। प्रदेश के बड़़े सरकारी अस्पतालों में गिना जाने वाला एमवायएच महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है। इंदौर में हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने महाविद्यालय प्रशासन को अपने सामूहिक इस्तीफे भी सौंप दिये हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने इस हड़ताल को देखते हुए एमवायएच में वैकल्पिक इंतजाम किये हैं, लेकिन अस्पताल में मरीजों को चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिये परेशान होते देखा जा रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 17:12