Last Updated: Thursday, January 24, 2013, 23:28
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को अपमानजक मानते हुए एक प्रमुख चित्रकार ने फाइन आर्ट बोर्ड के प्रमुख पद सहित दो सरकारी समितियों को छोड़ने का फैसला लिया है। इस चित्रकार ने पूर्व वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ संघर्ष में ममता बनर्जी का साथ का निभाया था।
राज्य में आए राजनीतिक बदलाव में भूमिका पर सवाल उठाने के एक दिन बाद ही चित्रकार समीर आइच ने राज्य के फाइन आर्ट बोर्ड के अध्यक्ष पद और कोलकाता म्यूनिसिपल कार्पोरेशन की विशेषज्ञ समिति के सदस्य पद को छोड़ने की इच्छा जताई।
कलाकार ने इसी सप्ताह के शुरू में दक्षिण 24 परगना जिले में आयोजित एक रैली में कुछ मुद्दों को लेकर ममता सरकार की आलोचना की थी। इस बात से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने चित्रकार को निशाना बनाया।
ममता ने कहा, `समीर आइच ने हमारे एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। मैं उनका सम्मान करती हूं। लेकिन सिर्फ एक प्रदर्शन में भाग लेने भर से वे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नहीं हो जाते। वे कभी तृणमूल कांग्रेस में नहीं रहे। तो फिर वे क्यों तृणमूल के सदस्य होने का दावा कर रहे हैं?`उन्होंने आगे कहा, `मैं जानती हूं कि अब वे क्यों हमारी आलोचना कर रहे हैं। अब वे माकपा के इशारे पर बोल रहे हैं।`
आइच ने कहा कि बनर्जी की यह टिप्पणी उनका अपमान है। उन्होंने कहा, `मैं उनकी टिप्पणी का जवाब देना नहीं चाहता और यह भी नहीं गिनाना चाहता कि राजनीतिक बदलाव के लिए कितनी रैलियों में मैंने हिस्सा लिया। मुझे उनसे कोई प्रमाण पत्र नहीं चाहिए, क्योंकि मेरी मंशा नौकरी पाने की नहीं है। हां मैं आहत अनुभव कर रहा हूं इसलिए मैंने दोनों समितियों को छोड़ने का फैसला लिया है।`
सिंगूर और नंदीग्राम में वर्ष 2006-07 के दौरान एक औद्योगिक परियोजना के लिए तत्कालीन वामपंथी सरकार के कृषियोग्य भूमि अधिग्रहण के प्रयास के विरोध में ममता के संघर्ष को समर्थन देने वाले प्रमुख बुद्धिजीवियों में आइच भी एक थे। उन्होंने ममता की रैलियों और प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और टीवी पर होने वाली बहसों में वाम मोर्चा सरकार की खुलकर आलोचना की। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 24, 2013, 23:28