Last Updated: Friday, November 4, 2011, 11:30
कोलकाता : जंगलमहल में माओवादियों को हथियार डालकर बातचीत की सलाह देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बागियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि शांति पहल को कमजोरी समझने की भूल न करें।
ममता ने एक टेलीविजन चैनल के साथ मुलाकात में कहा कि पिछले चार महीने से सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान (जंगलमहल में) रोक दिए गए हैं और सरकार एकतरफा शांति पहल का पालन कर रही है, लेकिन हमारे धीरज को हमारी कमजोरी नहीं समझना चाहिए।
पुरुलिया जिले में घाटबेरा गांव के तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता जीतू सिंह सरदार माओवादियों का ताजा निशाना बने। इस पर ममता ने कहा कि कुछ लोग खून खराबे में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह जारी रहा तो हमें उपाय करने होंगे क्योंकि कानून का शासन स्थापित होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का सशस्त्र दस्ता हिंसा, हत्या और जबरी वसूली जैसे कामों में माओवादियों का साथ दे रहा है।
ममता ने कहा कि मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी और मैंने पुलिस से कह दिया है कि वह सख्ती बरते और अगर जरूरत पड़े तो कार्रवाई करे। उन्होंने दावा किया कि माओवादियों को कोलकाता में कुछ राजनीतिज्ञों और विद्वानों का समर्थन हासिल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बेहाला के कुछ राजनीतिक नेता और जादवपुर विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसर माओवादियों को समर्थन दे रहे हैं और सरकार के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं। ममता ने कहा कि माओवाद से प्रभावित एक इलाके के पूर्व पुलिस अधीक्षक, जिनके नेतृत्व में सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं ने अभियान चलाए उन्हें पिछले चार माह से तैनात नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि वह जंगलमहल में खूनखराबा रोकने और शांति स्थापित करने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 17:00