Last Updated: Saturday, November 5, 2011, 03:36
कोच्चि:पेट्रोल की कीमतों में बार-बार हो रही वृद्धि पर केरल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सरकारें इस मसले पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं। इसके विरोध के लिए राजनीतिक दलों का इंतजार करने के बजाय देश के लोगों को खुद सामने आना चाहिए।
अदालत ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और रिलायंस पेट्रोलियम को अपनी बैलेंस शीट और तिमाही रिपोर्ट तीन सप्ताह में पेश करने का निदेर्श दिया।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि साल में तेल के दाम 40 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ गए हैं। इससे आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई धीमी मौत की तरह है।
तेल कंपनियों को पेट्रोल के दाम बढ़ाने का अधिकार देने और बार-बार पेट्रोल महंगा होने के विरोध में यह जनहित याचिका पूर्व सांसद पीसी. थॉमस ने दायर की है। राज्य सरकार के वकील ने तर्क दिया कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है।
हालांकि अदालत का कहना था कि तेल उत्पादों के दाम तय करने का अधिकार देना केंद सरकार का पॉलिसी मैटर है, पेट्रोल की मौजूदा बढ़ोतरी पर हम इसमें दखल नहीं दे सकते। पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी राष्ट्रीय मुद्दा है। हम इस पर रोक नहीं लगा सकते।
गौरतलब है कि सरकार ने कुछ ही दिन पहले पेट्रोल की कीमतों में इजाफा किया है जिसे लेकर उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने यहां तक कह दिया है कि अगर पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि वापस नहीं हुई तो वह सरकार से समर्थन वापस ले लेगी।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 5, 2011, 13:03